मायागंज स्थित जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल परिसर में गुरुवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे उस समय सनसनी मच गई जब डाक्टरों द्वारा मृत घोषित की गई एक अधेड़ महिला के जीवित होने की खबर फैल गई।

खबर फैलते ही मृत महिला के परिजनों समेत अस्पताल में मौजूद कई अन्य लोगों ने डाक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया। आधे घंटे बाद जब डाक्टरों तक इस बात की खबर पहुंची तो फौरन उक्त महिला को दोबारा इमरजेंसी में लाकर जांच की गई। लेकिन जांच के बाद वह मृत ही पाई गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हवाई अड्डा के समीप नीलकंठनगर मोहल्ले में रहने वाली कुमुद देवी को उसके परिजन इलाज के लिए अस्पताल इलाज के लिए लेकर आए थे। अस्पताल पहुंचते ही डाक्टरों ने उक्त महिला को मृत घोषित कर उसके शव को स्ट्रेचर पर रखवाकर इमरजेंसी के बाहर भिजवा दिया।

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मृतक महिल की बेटी शव के सिर पर तेल लगाने लगी। इसी दौरान महिला के शव से कंपन के साथ कुछ आवाज आई। जिसके बाद परिजनों ने डाक्टरों और अस्पताल प्रबंधन को जीवित को मृत घोषित करने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। इस खबर के फैलते ही मौके पर दर्जनों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।

कई लोगों ने भी मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। डाक्टरों द्वारा दोबारा मृत घोषित किए जाने पर परिजन शव को एम्बुलेंस पर लेकर चले गए। मामले पर अस्पताल अधीक्षक आरसी मंडल ने बताया कि उक्त महिला को मृत ही अस्पताल लाया गया था। उन्होंने घटना को खारिज करते हुए परिजनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर परिजनों को लगा था कि डाक्टर और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही है तो उन्होंने शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया।