केंद्र सरकार के कैशलेस इंडिया के अभियान की बात दिमाग में आते ही सबसे पहला ख्याल हमारे दिमाग में प्लास्टिक मनी यानि एटीएम(डेबिट) और क्रेडिट कार्ड हम सभी के दिमाग में सबसे पहले आता है। हमारे देश में अब लगभग सभी तबके के लोग एटीएम कार्ड से अवगत हैं। एटीएम कार्ड के जरिए कहीं भी और कभी भी पैसा निकाले जा सकते हैं। इसके आने से अब बैंक जाकर पासबुक भरकर पैसे निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है। ATM कार्ड पर 16 डिजिट का नंबर लिखा होता है जिसपर आपका ध्यान नहीं गया होगा। आमतौर पर इसपर हम तभी ध्यान देते हैं जब हमें कोई इलेक्ट्रॉनिक ट्रांससेक्शन करना होता है। लाइव हिन्दुस्तान आपको बताने जा रहा है की एटीएम और क्रेडिट कार्ड पर छपे 16 डिजिट के नंबर का क्या अर्थ होता है।

आइए जानते हैं इन अंको के बारे में

ATM कार्ड की पहली डिजिट का मतलब होता है जिसने कार्ड जारी किया है। इसे मेजर इंडस्ट्री आइडेंटिफायर (MII- Major Industry Identifier) कहते है। यह डिजिट हर इंडस्ट्री के लिए अलग होता है।

0- ISO और अन्य इंडस्ट्री
1- एयरलाइन्स
2- एयरलाइन्स और अन्य इंडस्ट्री
3- ट्रैवेल और इंटरटेनमेंट (अमेरिकन एक्सप्रेस या फूड क्लब)
4- बैंकिंग और फाइनेंस (वीजा)
5- बैंकिंग और फाइनेंस (मास्टर कार्ड)
6- बैंकिंग और मर्चेंडाइजिंग
7- पेट्रोलियम
8- टेलिकम्युनिकेशन्स और अन्य इंडस्ट्री
9- नेशनल असाइनमेंट

Whatsapp group Join

अगली नौ डिजिट
अगली नौ डिजिट आपके बैंक अकाउंट नंबर से लिंक रहता है। यह पूर्ण रूप से बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता, लेकिन उससे लिंक होता है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड का आखिरी नंबर चेक डिजिट के नाम से जाता है। इससे यह पता चलता है कि कार्ड वैलिड (वैध) है या नहीं।

कहां इस्तेमाल होता हैं ये 16 अंकों का नंबर
डेबिट और क्रेडिट पर लिखे इन नंबरों का इस्तेमाल करके आप उस कार्ड से भुगतान कर सकते हैं। अगर आपके पास हैं डेबिट कार्ड है तो उसके साथ आपको पिन नंबर डालना होता है और अगर आपने टू स्टेप सिक्योरिटी लगाई है तो फ़ोन नंबर पर भेजा जाने वाला वन टाइम पासवर्ड भी बताना होता है। वही दूसरी और आपके पास क्रेडिट कार्ड हैं तो आपको अपने कार्ड के पीछे लिखे तीन अंकों का सीवीवी नंबर भी दर्ज करना होता है। इसके अलावा आपने सिक्योर पासवर्ड या फ़ोन पर भेजा गया वन टाइम पासवर्ड भी देना होता है, तभी आप भुगतान कर सकते हैं।