मतदाता सूची में आमूल बदलाव की तैयारी शुरू हो गयी है. केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मतदाता सूची में व्यापक बदलाव की मंजूरी दे दी है. इसकी संसद से मंजूरी मिलती है, तो मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी बनाया जायेगा. यह माना रहा है कि एक ही मतदाता सूची के आधार पर लोकसभा, विधानसभा, पंचायत आम चुनाव और नगरपालिकाओं के चुनाव कराये जायेंगे.

केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग को यह अधिकार मिल जायेगा कि वह साल में एक बार की जगह चार बार मतदाताओं के क्वालिफाइ डेट के अनुसार उनके नाम को सूची में शामिल करा सकेगा. फिलहाल देश में पहली जनवरी को आधार मानते हुए हर साल 18 वर्ष से ऊपर आयु के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए सूची का पुनरीक्षण किया जाता है.

हर तीन महीने पर अपडेट होगी मतदाता सूची

नये प्रावधान आने के बाद अब एक ही साल में मतदाताओं की अहर्ता की तिथि चार हो जायेगी. नये प्रावधान के अनुसार पहली जनवरी, पहली अप्रैल, पहली जुलाई और पहली अक्तूबर को आधार तिथि मानते हुए 18 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल किये जा सकेंगे. इससे मतदाता सूची हर तीन माह के बाद अपडेट होती रहेगी.

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इसका परिणाम होगा कि किसी भी चुनाव के लिए सूची को अलग से तैयार करने की आवश्यकता नहीं होगी. लोकसभा और विधानसभा चुनाव जनवरी में तैयार अंतिम मतदाता सूची के आधार पर कराया जाते हैं. इनके अलावा पंचायत चुनाव और नगरपालिका चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग अपने अनुसार मतदाता सूची तैयार कराते हैं.