विवाह पंचमी आठ दिसंबर को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का स्वयंवर मां सीता के साथ हुआ था। इस दिन बूढ़ानाथ मंदिर, जगन्नाथ मंदिर आदि में भजन-कीर्तन का आयोजन होगा।

जगन्नाथ मंदिर के पंडित दयानंद पाण्डेय ने बताया कि मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। धार्मिक ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व है। इस बार विवाह पंचमी आठ दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसके अलावा माना जाता है कि तुलसी दास जी के द्वारा रामिचरितमानस भी इसी दिन पूरी की गई थी।

विवाह बाधा भी होती है दूर

उन्होंने कहा कि विवाह पंचमी के दिन प्रभु श्री राम व माता सीता का विधि-विधान के साथ पूजन करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजन अनुष्ठान करने से विवाहित लोगों का दांपत्य जीवन सुखमय बनता है। इस दिन श्रवण नक्षत्र ध्रुव योग में राम विवाह उत्सव मनाया जाएगा। स्थानीय मंदिरों में संध्या काल में भजन-कीर्तन के साथ राम विवाह उत्सव मनाया जाएगा।

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आठ दिसंबर को शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त

इस बार आठ दिसंबर को शादी-विवाह का भी शुभ मुहूर्त है। तिलकामांझी के राजेश ने बताया कि उनकी शादी आठ दिसंबर को है। उधर बाबा कुपेश्वरनाथ मंदिर के पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि विवाह पंचमी के दिन इस बार शादी का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद इस माह नौ व 13 दिसंबर को विवाह का तिथि है