विक्रमशिला सेतु के रास्ते सबौर और जीरो माइल का इलाका डेंजर जोन बन गया है। गाड़ियों की स्पीड पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। सप्ताह दिन के अंदर चार लोगों की मौत हो गई है और उतने ही लोग घायल हो गए हैं। घटना के बाद बवाल रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन के अधिकारी सुधार करने का भरोसा दिलाते हैं, लेकिन रिपोर्ट दर्ज कर वे चुप बैठ जाते हैं।

गुरुवार यानी सात मार्च की शाम सबौर पानी टंकी के पास ट्रक ने स्थानीय श्रवण यादव के आठ वर्षीय पुत्र आयुष कुमार को रौंद दिया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चौथी कक्षा के छात्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के विरोध में पूर्व की तरह लोगों ने सड़क जाम कर बवाल किया। घटना के बाद ट्रक को पुलिस ने जब्त कर लिया है लेकिन फरार चालक को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इसी तरह तीन मार्च की सुबह रेशम नगर कॉलोनी के रिटायर अधिकारी भोला यादव के पुत्र पियूष कुमार को ट्रक ने कुचल दिया था।

पियूष की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे अधिकारी ने ट्रैफिक में सुधार का भरोसा दिलाया लेकिन मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि उसी रात बायपास के बंशी टीकर सड़क पर ट्रैक्टर दुर्घटना में नाथनगर ब्लॉक रोड के चालक आशीष यादव की मौत हो गई। पांच मार्च की शाम बायपास सड़क के जीछो दुर्गा मंदिर के पास ट्रक के धक्के से छोटी सरधो गांव के अनिरुद्ध मंडल घायल हो गए थे। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आगजनी कर बवाल किया था।

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एक मार्च की शाम बस के धक्के से इस्माइलपुर थाने के रामपुर गांव के सुनील मंडल, उसकी मां चमेली देवी और बहनोई सुनील कुमार घायल हो गए थे। घायल सुनील की चार मार्च को इलाज के दौरान मौत हो गई। इधर, शुक्रवार को सबौर पुलिस ने सड़क दुर्घटना में मृत आयुष के शव का पोस्टमार्टम कराया। थाना प्रभारी श्रीकांत चौह्वान ने कहा कि घटना को लेकर ट्रक चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।