भागलपुर। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) द्वारा एक रुपये के छोटे सिक्के को बंद नहीं किया गया है। बावजूद जिले में दुकानदार और व्यापारियों ने अघोषित रूप से इन सिक्कों को लेना बंद कर दिया है। खरीद-बिक्री से लेकर रुपये के किसी लेनदेन में लोग छोटे सिक्कों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि इस बारे में आरबीआइ की स्पष्ट गाइडलाइन है कि यदि इन सिक्कों को लेने से कोई दुकानदार, व्यापारी या अन्य लोग मना करते हैं तो उन्हें कार्रवाई के दायरे में लाया जा सकता है।

आटो चालक ने नहीं लिया सिक्का

हाल ही में टीएमबीयू के पीजी संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आयुष गुप्ता स्टेशन जा रहे थे। जब उन्होंने आटो वाले को एक रुपये का छोटा सिक्का दिया तो उसने लेने से इन्कार कर दिया। उन्होंने आटो वाले को कई बार कहा कि यह सिक्का बंद नहीं हुआ है पर उसने मानने से इन्कार कर दिया। डा. गुप्ता ने बताया कि यह स्थिति केवल आटो वालों की नहीं है। दुकानदार भी सिक्का नहीं लेते हैं। जिससे ज्यादा दिक्कतें आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को होती है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को बदलने के लिए हमें भी प्रयास करने होंगे। ऐसी बातों का विरोध करना होगा।

छोटे व्यापारियों को हो रही परेशानी

एक रुपये के छोटे सिक्के नहीं लेने के पीछे दुकानदारों का भी दर्द है। कास्मेटिक दुकानदार उज्जवल ने बताया कि हमें सिक्का लेने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हमलोगों से भी यह सिक्का कोई नहीं लेता है। ठेले पर मोमोज बेचने वाले विक्रम साह ने बताया कि हम लोग सिक्का लेते हैं, लेकिन सिक्का जमा होने के बाद बैंक भी नहीं लेता है। इस लफड़े में नहीं फंसने के कारण वे लोग सिक्का लेने से परहेज करते हैं।

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छोटे सिक्के लेने से मना करने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसी शिकायत आती है तो आरबीआइ गाइड लाइन के अनुसार कार्रवाई होगी। – – मोना कुमारी, लीड बैंक प्रबंधक (यूको बैंक)