मानव तस्करी के लिए दिल्ली ले जाए जा रहे पांच बच्चों काे जीअारपी ने शुक्रवार काे स्टेशन से तस्कर के चंगुल से मुक्त करा लिया है। इस दाैरान जीअारपी ने झारखंड के साहेबगंज जिले के तीनपहाड़ के रहने वाले 30 साल के तस्कर माे. सद्दाम अंसारी काे गिरफ्तार किया है। जीअारपी काे देख वह भागने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया। उसने जीअारपी काे बताया कि हर बच्चे काे दिल्ली ले जाकर बड़े लाेगाें के यहां काम पर रखने के लिए उसे प्रति बच्चा 25 हजार रुपये कमीशन मिलता है।

यह काम वह तीन साल से कर रहा है। पहले भी वह कई बच्चाें काे झारखंड से ले जाकर दिल्ली पहुंचा चुका है। दिल्ली में इसका एक संगठित गिराेह है जाे बच्चाें से घराें में काम करवाता है। जीअारपी ने चार किशाेरी व एक किशाेर काे मुक्त कराया है। सभी बच्चों की उम्र 12 से 13 साल के बीच है। सभी पाकुड़ जिले के विभिन्न गांवाें के हैं। इन किशाेर व किशाेरियाें के पास से जीअारपी ने उनका अाधार कार्ड भी जांच के लिए लिया है। जीअारपी में श्रम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। जीअारपी ने बच्चाें के साथ जा रहे साहेबगंज के दमदमिया के 55 साल के बुजुर्ग तरवा पहाड़िया काे हिरासत में लेकर पूछताछ की।

उसने बताया कि अाराेपी युवक ने उसे भी दिल्ली में काम दिलाने का लालच दिया था। जीअारपी ने उसे पीअार पर फिलहाल मुक्त कर दिया है। जीअारपी ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि तस्कर इन बच्चों काे विक्रमशिला ट्रेन से लेकर दिल्ली जाने की तैयारी में था। बच्चाें काे लेकर तस्कर शुक्रवार सुबह ही भागलपुर स्टेशन पहुंचा था। लेकिन एेन माैके पर शक हाेने पर पूछताछ के दाैरान उसकी पाेल खुल गई। चाइल्ड हेल्प लाइन के स्टेशन प्रभारी सुमित कुमार व जीअारपी के बाल कल्याण पदाधिकारी याेगेंद्र उपाध्याय ने पूरे मामले की जांच की है। जीअारपी के एसएचअाे अशाेक कुमार ने बताया कि हर एंगल से पड़ताल की जा रही है।

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आदिवासी समुदाय के हैं सभी बच्चे तस्कर ने परिजनों को दिया था लालच

मुक्त कराए गए सभी बच्चे काफी गरीब है। वे अादिवासी समुदाय से अाते हैं। उनके परिजनाें काे तस्कर ने पैसे का लालच देकर बच्चाें काे दिल्ली भेजने काे राजी किया था। अधिकांश बच्चे हिंदी भी नहीं समझ पाते हैं। जीअारपी ने बताया कि छाेटे बच्चाें काे श्रम कराने के लिए दूसरे जगह लालच देकर ले जाना अपराध है। दिल्ली में इन बच्चाें काे पैसे वालाें के लिए यहां बेच दिया जाता। जहां इन बच्चाें से मनमानी काम लिया जाता। फिलहाल जांच पड़ताल के बाद सभी किशाेरियाें काे जीराे माइल स्थित बालिका गृह में भेजा जा रहा है। वहीं जीअारपी इस मामले की जांच कर रही है कि कहीं इन बच्चियाें के साथ दुष्कर्म जैसी घटना काे ताे अंजाम नहीं दिया गया है। वहीं चाइल्ड हेल्प लाइन के अफसर ने मुक्त बच्चाें के परिजनाें काे छाेड़े गए बुजुर्ग के जरिए जीअारपी बुलाया है। सभी के परिजनाें काे इसकी सूचना भी दी गई है।

दिल्ली मेें चल रहे गिरोह का लगाया जाएगा पता

गिरफ्तार तस्कर झारखंड से बच्चाें की खरीद बिक्री के धंधे से जुड़ा है। वह गरीब परिवाराें के बच्चे काे 10 से 15 हजार रुपये में लेकर उसे दिल्ली में 25 हजार तक में बेच देता था। वह जिस गिराेह काे बच्चा बेचता था उस गिराेह के द्वारा उसे प्रति बच्चा कमीशन मिलता था। जीअारपी दिल्ली के उस गिराेह तक पहुंचने का प्रयास करेगी। जिस गिराेह में बच्चाें काे बेचा जाता था। बच्चाें काे तस्कर अपना मुंह बंद रखने के लिए डराता भी था। बच्चे तस्कर के जुल्म काे सहते थे। रेल एसपी अामीर जावेद ने मामले की जांच के लिए जमालपुर के रेल डीएसपी शिवनेंद्र कुमार अनुभवी काे भागलपुर भेजा। रेल डीएसपी ने बच्चे व बच्चियाें का बयान दर्ज किया।