कृष्णानंद सूरजमल इंटर स्तरीय विद्यालय, सुल्तागनंज के छात्र ऋषि रौशन जिला टॉपर बने हैं। उन्हें 461 अंक आया है। मगर उनके ऊपर ट्यूशन फी का 1600 रुपये बकाया है। निजी कोचिंग में पढ़ाई के दौरान जब वे पैसा जमा नहीं कर पाए तो आखिरी समय में ट्यूशन छोड़ दिए। ऋषि ने बताया कि ट्यूशन के दौरान सर ने काफी मदद की। उन दिनों पापा के पास पैसे नहीं थे, मगर जैसे ही पैसे मिलेंगे वे सबसे पहले ट्यूशन फी जमा कर देंगे।
ऋषि रौशन के पिता सुल्तानगंज में माली का काम करते हैं। अब्जुगंज के रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि वे अपने तीनों बेटों को जैसे-तैसे पढ़ा रहे हैं। ऋषि के रिजल्ट ने उम्मीद जगा दी है। उसपर भरोसा था कि अच्छा अंक लाएगा, मगर जिला टॉपर की उम्मीद नहीं थी। अब एक ही सपना है कि बेटा पढ़-लिखकर डॉक्टर बने। ऋषि चार भाई-बहनों में छोटा है। अपने माता-पिता के साथ दो कमरे के खपरैल के घर में रहता है।
रोज छहे घंटे पढ़ाई की, हर विषय को समान समय दिया
ऋषि ने अपनी तैयारी को लेकर कहा कि हर दिन वह छह घंटे की तैयारी करते थे। हर विषय पर समान समय देते थे, इसलिए किसी एक विषय में अधिक और किसी में कम अंक नहीं आया है। ऋषि को मैट्रिक की परीक्षा में गणित में सबसे अधिक 94 अंक आए हैं।
बायोलॉजी के साथ आगे करूंगा पढ़ाई
ऋषि ने बताया कि इंटरमीडिएट में बायोलॉजी की पढ़ाई करूंगा। साथ ही मेडिकल की तैयारी भी करूंगा। उसने कहा कि आसपास के जिस कॉलेज में नामांकन होगा, वहीं करा लेंगे। उधर, टॉपर की सूचना मिलते ही उसके विद्यालय के शिक्षकों ने ऋषि के घर पहुंचकर मुंह मीठा कराया।
नारायणपुर में अभिषेक आनंद बने प्रखंड टॉपर
नारायणपुर। प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर के छात्र अभिषेक आनंद ने 452 अंक लाकर प्रखंड टॉपर बना। अमित कुमार 439 अंक के साथ दूसरे व साक्षी कुमारी 434 अंक के साथ तृतीय स्थान पर हैं। अभिषेक आनंद चौहद्दी गांव निवासी हैं। उनके पिता रेवले में ड्राइवर है।
टॉप सेवन में कहलगांव प्रखंड के तीन बच्चे शामिल
कहलगांव। मैट्रिक की परीक्षा में कहलगांव के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों ने परचम लहराया। जिले के टॉप सेवन (सात) में कहलगांव के ही तीन बच्चे हैं। उत्क्रमित माध्यमिक स्कूल कटोरिया कहलगांव की लक्ष्मी कुमारी ने 456 अंक तो जवाहर लाल स्कूल धनौरा कहलगांव के सोनू कुमार ने 455 अंक तथा उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कलगीगंज के पियूष कुमार ने 455 अंक प्राप्त कर परिवार और कहलगांव का नाम रौशन किया। सभी बच्चे बेहद गरीब परिवार से आते हैं तथा आर्थिक तंगी के दौर में पढ़ाई की। लेकिन तीनों की तमन्ना आईएएस अधिकारी बनने की है। बच्चों ने कहा कि ईमानदारी पूर्वक पढ़ाई करने से सफलता मिली है।