बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनता दल(राजद) को एक बार फिर झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सीताराम यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया है। बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में सीताराम यादव अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। सीताराम यादव सीतामढ़ी से राजद के सांसद रहे हैं। इसके अलावा नगीना देवी, पूर्व डिप्टी मेयर संतोष मेहता, वर्तमान डिप्टी मेयर मीरा देवी समेत सैकड़ों की संख्या में नेताओं ने भाजपा का दामन थामा।

इस दौरान मिलन समारोह में बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि लोकतंत्र को माओवादियों और परिवार वादी पार्टियों से ख़तरा है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए भाजपा में आने वालों का पार्टी स्वागत करेगी। बिहार की जनता का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने एनडीए पर भरोसा किया है । अगले 5 साल तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास होगा।

भूपेंद्र यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से पंचायत स्तर पर किसान उत्पादक समूह बनाने का आह्वान किया ताकि आत्मनिर्भर भारत की तरह आत्मनिर्भर बिहार भी बन सके । भूपेंद्र ने राजद और कांग्रेस पर परिवारवाद की रक्षा के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। मिलन समारोह में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल , सांसद सुशील कुमार मोदी , मंत्री रामसूरत राय व रामप्रीत पासवान मौजूद थे।

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राजद के आठ में से पांच विधान पार्षद जदयू में शामिल

आपको बता दें कि इससे पहले बिहार चुनाव से पहले राजद के आठ में से पांच विधान पार्षद पार्टी छोड़ जदयू में शामिल हो गए थे। पार्टी छोड़ने वालों में संजय प्रसाद, राधाचरण साह, दिलीप राय, मो कमर आलम और रणविजय कुमार सिंह के नाम हैं। पांचों ने राजद से खुद को अलग करते हुए एक समूह बनाने और जदयू में शामिल होने का पत्र विधान परिषद को दिया था। इसके आलोक में विप के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने पांचों को जदयू सदस्य के रूप में मान्यता दे दी थी।

राजद छोड़ने वाले पांच सदस्यों में तीन स्थानीय प्राधिकार कोटे से चुनकर आए थे तो दो का निर्वाचन विधान सभा कोटे से हुआ था। संजय प्रसाद साल 2015 में मुंगेर, जमुई, लखीसराय व शेखपुरा स्थानीय प्राधिकार से चुनकर विप पहुंचे थे। जबकि राधाचरण साह  2015 में ही भोजपुर व बक्सर तो दिलीप राय 2015 में ही सीतामढ़ी व शिवहर स्थानीय प्राधिकार से चुनकर विप पहुंचे थे। जबकि मो कमर आलम साल और रणविजय कुमार सिंह साल 2016 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर विधान परिषद पहुंचे थे।

input:Hindustan