बिहार के गांवों में ग्रामीणों को अब नहीं देना होगा होल्डिंग टैक्स। ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त करने को लेकर उन्हें टैक्स वसूली का अधिकार दिये जाने को लेकर  बन रही नियमावली से गांवों में होल्डिंग टैक्स लेने का प्रावधान हटा दिया गया है। पूर्व में नियमावली के प्रारूप में गांवों के पक्के मकानों से होल्डिंग टैक्स के रूप में मामूली राशि (50 पैसे से एक रुपये) लिये जाने का प्रावधान किया गया था।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बने मकानों को भी इससे अलग रखा गया था। पर, अब पूरी तरह से इस प्रावधान को हटाकर प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि विभाग द्वारा बनायी जा रही नियमावली में मोबाइल टावर और हाट-बाजारों आदि से टैक्स वसूली का अधिकार पंचायतों को देने पर मंथन चल रहा है।

पंचायती राज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नियमावली का प्रारूप करीब-करीब तैयार है। चुनाव के कारण प्रारूप पर सरकार से अनुमति नहीं ली जा सकी थी। अब चुनाव समाप्त हो गया है, इसलिए इस पर फिर चर्चा शुरू हुई है। नियमावली  के प्रारूप पर कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा। गौरतलब हो कि बिहार पंचायती राज एक्ट में ग्राम पंचायतों को टैक्स वसूलने का अधिकार दिया गया है। पर, इसमें यह भी कहा गया है कि इसके लिये राज्य सरकार एक नियमावली बनाएगी।

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केंद्र सरकार ने भी पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए टैक्स वसूली की नियमावली बनाने के लिए कई बार राज्य सरकार से कहा है। 14 वें वित्त आयोग ने तो यह भी कहा था कि टैक्स वसूली का नियमावली लागू करें, तो पंचायतों को अनुदान दिया जाएगा।