खरीक : कोसी नदी में जलस्तर में हुई वृद्धि के साथ शुरू हुए कटाव का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि पलक झपकते ही जमीन के हिस्सा का बड़ा भूभाग कटकर नदी में समा जा रहा है। अबतक कटावरोधी कार्य शुरू नहीं हुआ है। इससे ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

सोमवार को प्रखंड के कोसी पार स्थित सिंहकुंड गांव में नदी किनारे स्थित एक विषहरी मंदिर समेत छः लोगों का पीएम आवास योजना की राशि से निर्मित घर कटाव की भेंट चढ़कर कोसी में समा गया। इससे सभी परिवार विस्थापित होकर खुले आसमान के नीचे आ गये। अब राहत की राह निहारने को विवश हो गये। कटाव पीड़तों में शंभु राय, दिलीप राय, शंभु सिंह, संजय राय, निर्मल सिंह, बौकु शर्मा का परिवार शामिल है। इन लोगों घर समेत अन्य झोपड़ीनुमा आशियाना नदी में समा गया। जबकि लक्ष्मण साह, बब्बन मिश्रा, श्रवण कुमार, सुभाष सिंह, ज्योतिष प्रसाद सिंह समेत 25 से अधिक लोगों का घर कटाव के जद में आ चुका है। जो किसी भी समय कोसी में समा सकता है।

इसकी आशंका से परिवार में दहशत में है। लोग रतजगा कर सुरक्षित स्थल की ओर पलायन कर रहे हैं। नदी में घर समाने की जानकारी मिलते ही सीआई ब्रजेश परैया ने टीम के साथ सिंहकुंड कटाव स्थल पहुंचे। जहां स्थिति का जायजा लेते हुए पीड़तों की सूची तैयार की। उधर, सिंहकुंड समेत लोकमानपुर के बालू टोला, मैरचा, रतनपुरा के अलावे कोसी नदी के अन्य जगहों पर कटाव का कहर जारी है।

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लोग देखते रहे और नदी में समाते गए आशियाने

सोमवार को कोसी नदी में समा रहे घर को खुद गृहस्वामी अपने आंखों से देखते रहे और उनका आशियाना कोसी में समा गया। कोसी का कहर देखकर वहां के सभी परिवारों के आंखें बड़ी तबाही का मंजर देखने लगी हैं। लोगों की रात की नींद और दिन का चैन गायब हो गया है