बिहपुर : जयरामपुर के गुवारीडीह बहियार में कोसी किनारे स्थित गुवारीडीह अपने दामन में हजारों साल पहले का पुरातात्विक अवशेष समेटे हुए है। लेकिन, अब गुवारीडीह टिला अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। पिछले वर्ष टिले का पांच फीट हिस्सा कोसी में समा गया। वहीं इस टिले के खोजकर्ता अविनाश चौधरी, अनमोल चौधरी, मिट्टू चौधरी, राजकुमार एवं विश्वजीत यादव ने बताया कि टिले के आगे भीषण कटाव हुआ है, जो टिले की ओर बढ़ रहा है। अगर कटावरोधी कार्य मजबूती से नहीं हुआ तो गुवारीडीह टिले का अस्तित्व समाप्त हो सकता है। बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल नवगछिया के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि गुवारीडीह टिले को कटाव से बचाने के लिए विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है। विभाग से मंजूरी के बाद कटावरोधी कार्य शुरू होगा।

इस इलाके को कोसी के कटाव से संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां पर कोसी की वर्तमान धारा को फिर से पुरानी धारा में लाने के लिए निर्देश दिया था। उसके बाद कोसी की धारा को मोड़ने के लिए पायलट चैनल का निर्माण किया गया लेकिन नदी की धारा मोड़ने को बना पायलट चैनल के बावजूद भी गुवारीडीह टिले के पास कटाव हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि पायलट चैनल में बालू भर गया है, जिसे साफ कराने की जरूरत है। गुवारीडीह टिले को संरक्षित करने के निर्देश के बाद 980 मीटर लंबाई में थ्रीस्टेप गैबियन व जियो बैग से करीब 5 करोड़ 47 लाख रुपये की लागत से संवेदक राकेश सिंह द्वारा कटावरोधी कार्य किया गया लेकिन कोसी की मचलती धारा ने कटाव रोधी को निगल लिया।

कई पुरातात्विक अवशेष मिले गुवारीडीह में

बता दें कि गुवारीडीह टिले में पुरातात्विक अवशेष जैसे सुंदर कलाकृति वाले मिट्टी के बर्तन, पत्थर के औजार, जानवर की हड्डियां व दांत, हिरण के सींग, मुहर, घड़ा, पुराने सिक्के, बड़ा चूल्हा, मनके, टेराकोटा, पत्थर की चिड़िया समेत दस फीट मोटी दीवार भी मिली है। यहां की सभ्यता करीब 3000 हजार वर्ष पुरानी बताई जाती है। ग्रामीणों के अनुसार गुवारीडीह बहियार पहले 25 एकड़ में फैला हुआ था। जो कोसी कटाव के कारण घटता जा रहा है।

20 दिसंबर 2020 को सीएम ने किया था दौरा

क्षेत्रीय विधायक ई शैलेंद्र ने गुवारीडीह जाकर पुरातात्विक अवशेष का अवलोकन कर यहां की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देते हुए गुवारीडीह आकर अवशेषों का अवलोकन करने का आग्रह किया था। उसके बाद सीएम नीतीश कुमार 20 दिसंबर 2020 को गुवारीडीह में कोसी कटाव के कारण धवस्त होने के बाद स्थानीय लोगों को मिल रहे प्राचीन चंपा सभ्यता से जुड़े प्रमाणिक अवशेष व सामग्री समेत अवशेष स्थल का अवलोकन करने पहुंचे थे।

Whatsapp group Join