इस्माईलपुर प्रखंड को बाढ़ से बचाने के लिए इस वर्ष बनाए जा रहे अर्धनिर्मित तटबंध एवं स्लूइस गेट से रिसाव के साथ तेज पानी के वहाव हो जाने के कारण स्थानीय लोगों व जल संसाधन विभाग में हड़कंप मच गया। इस वर्ष 45 प्रतिशत ही तटबंध का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कराया जा सका है। जिसमें तीन स्लूइस गेट में एक गेट का निर्माण कार्य शुरू हो पाया जो अधूरा रह गया, जिसको लेकर गंगा के जलस्तर बढ़ने के उपरांत स्लूइस गेट से रिसाव शुरू हो गया। रिसाव का बहाव इतना तेज था कि वह धीरे-धीरे अपने गति को तेज कर लिया।

रिसाव की सूचना मिलते ही नवगछिया बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता रविंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार, अधीक्षण अभियंता सहित फ्लड फाइटिंग फोर्स के अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद मौके पर पहुंचकर रिसाव को रोकने का प्रयास प्रारंभ किया। रिसाव रोकने को लेकर स्थानीय लोगों के साथ जिला परिषद सदस्य विपिन मंडल ने भी काफी सहयोग किया। विपिन मंडल अपने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एनसी में बोरी डालने के साथ-साथ रिसाव को रोकने के लिए विभाग से भी लगातार संपर्क में रहे।

मौके पर पहुंचे अधीक्षण अभियंता ने बताया कि रिसाव के कारण थोड़ा सा दबाव पानी का गांव की ओर बढ़ा है, लेकिन हमलोग इसे देर शाम तक नियंत्रण कर लिए हैं। वही फ्लड फाइटिंग फोर्स के अध्यक्ष ने बताया कि हमलोगों ने मेगा बैग, जिओ बैग के अलावा कई तरह के कार्य किए हैं। जिसके कारण रिसाव को नियंत्रण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस रिसाव को रोकने के साथ इसकी स्थाई निदान हो, इसके लिए कार्य चल रहा है।

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रिसाव की जानकारी होते ही ग्रामीण हुए आक्रामक

स्लूइस गेट से बहाव की जानकारी होते ही विभाग के अलावा स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग अपने खेतों से फसल के अलावा गाय का चारा सब्जी आदि को काटकर हटाने लगे। स्थानीय लोग जल संसाधन विभाग के प्रति आक्रामक हो गए। लोगों का कहना था कि अगर विभाग समय रहते ध्यान दे देता तो इस रिसाव के साथ बहाव नहीं होता। किसी तरह का कोई हताहत भी नहीं होता। लेकिन विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण यह रिसाव शुरू हो गया। जिला परिषद सदस्य विपिन मंडल ने बताया कि रिसाव इतना तेज था कि यह पानी धीरे-धीरे गंगा प्रसाद जमीदारी बांध की ओर बढ़ने लगा था। अगर यह कुछ देर और बहता तो बाढ़ की स्थिति इस्माईलपुर में उत्पन्न हो जाती।