ढोलबज्जा: कटिहार जिले के कदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहम्मदपुर कुम्हरी गांव निवासी खंतर मेहता का पुत्र चंदर मेहता (42) 21 दिन से लापता है. वह बीते 12 दिसंबर को सुबह 6:30 बजे अपने घर से करीब 500 मीटर दूर बुआई की गई अपने मकई खेत में चिड़िया उड़ाने गया हुआ था. जहां से वह लापता है. चंदर को वापस घर नहीं आने पर उसकी पत्नी सावित्री देवी के साथ अन्य परिजनों के द्वारा काफी खोजबीन किए जा रहे हैं लेकिन, कहीं से भी चंदर का अब तक अता-पता नहीं चल पा रहा है.

जिससे परिजन गहरे सदमे में हैं. परिजनों ने बताया कि- चंदर काले रंग की पैंट, जैकेट पहने हुए चादर ओढ़ कर घर से निकला था. कुछ दिन पहले से हीं उसके बड़े पापा के लड़के गोपी मेहता व गोपाल मेहता से चंदर के बीच मुर्गा फार्म को लेकर आपसी विवाद चल रहा था. गोपी व चंदर दोनों चचेरे भाई हैं. दोनों ने एक ही जगह अलग-अलग मुर्गा फॉर्म चलाकर अपना धंधा कर रहे थे. परिजनों ने मोबाइल नंबर-9304119230/7634992570 जारी करते हुए कहा है कि- चंदर मेहता का पता लगने पर पहुंचाने वाले को आने-जाने का उचित खर्च दिया जायेगा.

कदवा थाना की पुलिस ने जबरदस्ती आवेदन में लिखवाया चंदर की मानसिक स्थिति खराब.

वहीं घटना के एक दिन बाद जब गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने कदवा थाना पहुंची चंदर मेहता की पत्नी सावित्री देवी तो पुलिस द्वारा उसके आवेदन में जबरदस्ती चंदर मेहता का मानसिक स्थिति खराब होने की बात लिखवा लिए जाने की बात सामने आ रही है. जबकि चंदर की पत्नी सावित्री देवी की कहना है कि- मेरे पति मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ थे. पुलिस ने इस तरह की हरकत वहां के कुछ असामाजिक तत्वों के लोगों से सांठगांठ कर, लोकल पॉलिटिक्स से ग्रसित होकर किया है. वहीं उक्त बातों को लेकर जब कटिहार के कदवा प्रभारी थानाध्यक्ष संजीव कुमार से बात किया गया तो उन्होंने सीधे शब्दों में यह बात बोलकर फोन काट दी कि- परिवार वालों ने उनकी मानसिक स्थिति खराब बता कर आवेदन दी है.

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परिजनों के द्वारा कदवा पुलिस पर लगाए गए आरोपों को जब पत्रकारों ने बता कर उनसे बात करना चाहा तो फिर संजीव कुमार ने बार-बार फोन काट दिए. एक बार भी फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा. जिससे जाहिर होता है कि- उक्त मामले में कदवा पुलिस ने वहां के असमाजिक तत्वों के लोगों से सांठ-गांठ कर, सावित्री देवी से उसके लापता पति के बारे में मानसिक स्थिति खराब होने की बात लिखी गई किसी दुसरे के द्वारा आवेदन पर हस्ताक्षर करा ली हैं. परिजनों का कहना है. आवेदन देने के समय सावित्री देवी अपने पति के सदमे में बेसुध थी. उसके बड़े बेटे बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.