नयी दिल्ली : भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन के जज्बे की तारीफ पूरे देश में हो रही है और लोग उनके पाकिस्तान से भारत सकुशल लौटने की कामना कर रहे हैं. पाकिस्तानी मीडिया में भी उनको लेकर खबर छपी है जिसमें एक प्रत्यक्षदर्शी के द्वारा देखी गयी घटना का उल्लेख है. दावा किया जा रहा है कि अभिनंदन ने पीओके में स्थित होरान गांव के लोगों के चंगुल से बचने के लिए हवा में फायिरंग की थी.

पैराशूट से उतरकर जैसे ही वे पाकिस्तान की धरती पर उतरे उन्होंने वहां मौजूद लोगों से पूछा- ये इलाका भारत का है या पाकिस्तान? जब उन्हें भनक लगी की वे गलती से पाकिस्तान में उतर गये हैं तो उन्होंने वहां मौजूद भीड़ को हटाने के लिए हवा में फायरिंग की. लगभग आधा किमी तक वे भागे और तालाब में कूद गये. तालाब में कूदने का उनका उद्देश्‍य एक ही था वे अपने पास मौजूद दस्तावेज को नष्‍ट करना चाहते थे.

बताया जा रहा है कि जो अहम दस्तावेज उनके पास थे, उनमें से कुछ उन्होंने चबा लिये और बहुत सारे कागज पानी में गला दिये. द डॉन ने खबर दी है कि एलओसी से सात किमी दूर स्थित भिंबर जिले के होरान गांव में रहने वाले मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने अभिनंदन को सबसे पहले देखा. उसका कहना है कि बुधवार सुबह 8.45 बजे आसमान में धमाके के साथ धुआं नजर आया. रज्जाक का कहना है कि दो विमानों में आग लगी थी. एक विमान एलओसी के पार भारतीय सीमा में गिरा जबकि दूसरा पीओके में गिरा.

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विमान उनके घर के पूर्वी हिस्से में गिरता नजर आ रहा था. तभी रज्जाक को घर के दक्षिणी इलाके में लगभग एक किमी दूर एक पैराशूट नजर आया. एक व्यक्ति सही सलामत पैराशूट से लैंड कर रहा था. रज्जाक ने फौरन गांव के युवाओं को बुलाया. लोगों की भीड़ को देखकर अभिनंदन ने देशभक्ति के नारे लगाते हुए पूछा कि यह भारत है कि पाक? एक युवा ने चालाकी दिखाते हुए जवाब दिया कि ये भारत की जमीन है.

इस जवाब से अभिनंदन कुछ शांत हुए लेकिन जल्द ही अभिनंदन के जयघोष ने कुछ युवाओं को नाराज कर दिया. जवाब में वहां मौजूद लोगों ने पाक सेना जिंदाबाज के नारे लगाये. विंग कमांडर ने खतरा भांपा और पिस्तौल से हवाई फायरिंग की और उन्होंने दस्तावेज नष्‍ट करने का मन बनाया. वे दौड़कर एक तालाब में गये और सारे दस्तावेज नष्‍ट कर दिया. दस्तावेज नष्‍ट करने के बाद वे तालाब से निकले तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें निशाना बनाया लेकिन इस बीच पाक सेना के जवान गांव में पहुंच गये. सेना अभिनंदन को युवाओं के चंगुल से छुड़ाकर अपने साथ ले गयी.