केरल में कोरोना महामारी का कहर अभी थमा भी नहीं है कि एक और वायरस ने वहां दस्तक दे दी है। वायनाड जिले में नोरोवायरस का मामला सामने आया है। दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलने वाली यह पशु जनित बीमारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने शुक्रवार को लोगों को इसे लेकर सतर्क रहने के लिए कहा और दिशानिर्देश जारी किए।
स्वास्थ्य मंत्री ने बीमारी से बचाव को लेकर गतिविधियों को तेज करने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में एक आदेश जारी कर लोगों से सतर्क रहने को कहा है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने जार्ज की अध्यक्षता में एक बैठक में आज वायनाड में स्थिति का आकलन किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। सुपर क्लोरीनेशन सहित गतिविधियां चल रही हैं। पानी पीने के स्रोतों को स्वच्छ रखने की जरूरत है।
Norovirus cases reported in Kerala https://t.co/uDUKLDiJqS
— TOI Cities (@TOICitiesNews) November 12, 2021
स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने कहा कि उचित रोकथाम और उपचार से इस बीमारी को जल्दी ठीक किया जा सकता है। इसलिए सभी को इस बीमारी और इससे बचाव के उपायों के बारे में पता होना चाहिए। नोरोवायरस वायरस का एक समूह है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी (पेट संबंधी बीमारी) का कारण बनता है। इसके चपेट में आए व्यक्ति को उल्टी और दस्त होता है। नोरोवायरस स्वस्थ लोगों को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करता है, लेकिन यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य किसी अन्य रोग से पीड़ित लोगों में गंभीर हो सकता है।
जानवरों से होने वाली यह बीमारी संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल और उल्टी से फैलता है। यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती है, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है। हालांकि, रोग शुरुआत के बाद दो दिनों तक वायरस फैल सकता है। नोरोवायरस के कुछ सामान्य लक्षणों में दस्त, पेट में दर्द, उल्टी, मतली, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल हैं। उल्टी और दस्त के कारण डिहाइड्रेशन समेत अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दिशा-निर्देशों के अनुसार संक्रमित व्यक्ति को डाक्टर के निर्देशानुसार घर पर आराम करना चाहिए, और ओआरएस घोल और उबला हुआ पानी पीना चाहिए।