साल का पहला सूर्यग्रहण 21 जून को लगेगा। इस दिन 6 ग्रह एक साथ वक्री रहेंगे। यानी ये अपने मार्ग पर नहीं चलेंगे। रविवार का दिन रहेगा, जिसके अधिपति स्वयं सूर्य हैं। कई ज्योतिषियों का दावा है कि ऐसी स्थिति 60 वर्ष बाद बनती है, जब संवत्सर का एक चक्र पूरा हो जाता है।

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ज्याेतिषाचार्य डाॅ. सदानंद झा ने बताया कि भागलपुर में ग्रहण का स्पर्श सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर हाेगा। इसका मध्य भाग 12 बजकर 31 मिनट पर हाेगा। ग्रहण 2 बजकर 14 मिनट पर खत्म हाेगा। भागलपुर में खंडग्रास सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पूर्व यानी 20 जून शनिवार की रात्रि 10:42 से प्रारंभ हो जाएगा। उन्हाेंने बताया कि यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में स्पर्श कर आद्रा नक्षत्र में समाप्त (मोक्ष) होगा। भारतीय प्रमाणिक समयानुसार ग्रहण का स्पर्श प्रातः 9:16 से ही शुरू हाे जाएगा।

ग्रहण का सूतक 20 की रात 10 बजकर 42 मिनट से होगा प्रारंभ

राशिफल के अनुसार ये हाेंगे प्रभाव
मेष श्री
वृषभ क्षति
मिथुन घात
कर्क हानि
सिंह लाभ
कन्या सुख
तुला अपमान
वृश्चिक मरन तुल्य कष्ट
धनु पीड़ा
मकर सौख्य
कुंभ चिंता
मीन व्यथा

मीन राशि में 6 माह रहेगा मंगल, अच्छी बारिश के संकेत

इस वर्ष मंगल ग्रह जल तत्व की राशि मीन में 18 जून को प्रवेश किया है। वहां वक्री होकर 23 दिसंबर तक रहेगा। ये अच्छी वर्षा का संकेत है। ज्योतिषाचार्य पं. सदानंद झा ने बताया कि मीन राशि में मंगल पर मकर राशि में गोचर कर रहे शनि की तीसरी दृष्टि रहेगी। इसे घातक माना जाता है। 18 जून से 17 अगस्त तक जन-धन की हानि का योग बना रहेगा। 17 अगस्त से 4 अक्टूबर के बीच कुछ समय के लिए मंगल मीन राशि को छोड़ कर मेष राशि में गोचर करेंगे। इस दौरान कोरोना और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से राहत मिलेगी।

ग्रहाें की गति वक्र हाेने से अनिष्ट की अाशंका

उन्हाेंने बताया कि चंद्रमा, सूर्य, बुध और राहु का चतुग्रही योग मिथुन राशि में बनना तथा गुरु, शुक्र एवं शनि का वक्र गति होना हर दृष्टि से व्यापक तौर पर अनिष्टकारक है। ये अपने मार्ग पर नहीं चलेंगे। इस कारण इनका प्रभाव भी उल्टा रहेगा। जिसके चलते भूकंप, समुद्री तूफान, शत्रु हानि, रोग वृद्धि, राजनैतिक-आर्थिक, दुश्मनों के उपद्रव से जनमानस के अशांत रहने की अाशंका है।