आमतौर पर लोग साल में आने वाली दो नवरात्रि को जानते हैं। आश्विन मास में शारदीय नवरात्र एवं चैत्र में चैत्र नवरात्र आते हैं। इसके अलावा दो और नवरात्रि होती है, जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। माघ में 12 से 21 फरवरी तक गुप्त नवरात्र होंगे। इस बार भगवती डोली पर आएंगी और भैंसा पर जाएंगी। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद पाण्डेय ने बताया कि माघ शुक्ल प्रतिपदा में साधक भगवती की उपासना करेंगे। अचला सप्तमी 19 व महाअष्टमी भी 19 को रहेगी। गुप्त नवरात्र में शिव व महाशक्ति की उपासना की जाती है।
इस बार धनिष्ठा नक्षत्र परिधि का बन रहा योग
एक साल में चार बार आते हैं नवरात्र
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार साल में चार नवरात्र आते हैं। पहले मास में चैत्र नवरात्र, चौथे माह आषाढ़ में दूसरा गुप्त नवरात्र, अाश्विन मास में तीसरा प्रमुख नवरात्र और 11वें माह अर्थात माघ माह में गुप्त नवरात्र आती है। इस मास में मां दुर्गा के अलावा शिव-पार्वती के अर्धनारीश्वर महाशक्ति की गुप्त पूजा की जाती है।

सुबह 11:20 से 12:25 तक शुभ मुहूर्त
पंडित श्रीराम पाठक ने बताया कि शास्त्रों में गुप्त नवरात्र को गुप्त सिद्धियों को प्राप्त करने का साधना काल बताया गया है। इस बार गुप्त नवरात्र धनिष्ठा नक्षत्र परिधि योग में शुरू हो रहा है जो 22 फरवरी तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:20 से 12:25 तक रहेगा। पंडित मिश्रा ने बताया कि धनिष्ठा नक्षत्र 11 फरवरी दिन के 1:42 बजे से 12 फरवरी को 2:03 तक रहेगा।