
विक्रमशिला के समानांतर पुल का काम एक कदम और आगे बढ़ गया है। जमीन के रेट का निर्धारण कर संचिका डीएम को भेज दी गयी है। डीएम से स्वीकृति मिलने के बाद मुआवजा का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो माह में निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा की है। घोषणा के बाद प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है। चार मौजा की जमीन का अधिग्रहण होना है। डीएम की अध्यक्षता में अधिकारियों की टीम द्वारा जमीन का निरीक्षण किया जा चुका है। निबंधन कार्यालय के दस्तावेज के आधार पर भू-अर्जन कार्यालय ने जमीन का रेट तय कर लिया है। मखुजान मौजा की 10.98 एकड़, महादेवपुर मौजा की 35.593 एकड़, परबत्ता मौजा की .48 एकड़ और भागलपुर नगर निगम मौजा की 4.41 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है।
करीब 11 एकड़ सरकारी जमीन को ट्रांसफर करने के लिए प्रस्ताव विभाग को भेज दिया गया है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह डीसीएलआर सदर ब्रजेश कुमार ने बताया कि डीएम से स्वीकृति मिलने के बाद रैयतों की सूची तैयार कर नोटिस भेजा जाएगा। उसके बाद मुआवजा भुगतान कर जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाएगा। जमीन अधिग्रहण के लिए आवंटन मिल चुका है।
1116.72 करोड़ की मिली है स्वीकृति
पुल निर्माण के लिए 1116.72 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति पहले मिल चुकी है। टेंडर के लिए अंतिम तिथि 10 सितम्बर तय की गयी है। समानांतर पुल बिहार के लिए घोषित प्रधानमंत्री पैकेज में शामिल है। चार साल में परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
जाम से मुक्ति मिलेगी
विक्रमशिला पुल पर गाड़ियों का लोड बढ़ गया है। पुल दो लेन का होने के चलते कहलगांव से लेकर पूर्णिया तक अक्सर जाम लगा रहता है। समानांतर पुल बनने से न केवल जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि उत्तर बिहार के सीमांचल का झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ सड़क संपर्क बेहतर हो जाएगा। इसका असर शहर के व्यवसाय और विकास पर भी पड़ेगा।