विक्रमशिला पुल के समानांतर बनने वाले पुल का 21 सितंबर को प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास करेंगे। इसके लिए जीरोमाइल स्थित महिला आईटीआई में कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसको लेकर तैयारी अंतिम चरण में है।विक्रमशिला के समानांतर बनने वाला यह पुल विक्रमशिला पुल से करीब 50 मीटर दूरी पर होगा। जिसे जीरोमाइल से विक्रमशला पुल की ओर जाने वाली सड़क से ही जोड़ा जायेगा। वहीं नवगछिया की ओर भी यह विक्रमशिला पुल के करीब 50-100 मीटर की दूरी पर होगा। इस पुल की कुल लंबाई करीब चार किलोमीटर 367 मीटर है। यह पुल कुल 68 पाया पर खड़ा होगा।

पुल निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामसुरेश राय ने बताया कि पुल फोर लेन का होगा। इसकी कुल चौड़ाई 29 मीटर होगी। जिसमें दस-दस मीटर की दोनों ओर की सड़क होगी। शेष नौ मीटर में इसका रेलिंग, दोनों ओर फुटपाथ और बीच में डिवाइडर भी होगा। इस पर कुल करीब 11 सौ 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पुल चार साल में पूरा होना प्रस्तावित है। इसके लिए अभी टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। टेक्निकल टेंडर भरने की तिथि समाप्त हो गई। अब वित्तीय टेंडर की बारी है। इसमें जिसकी सबसे कम राशि पायी जायेगी उसे काम सौंपा जायेगा।

विक्रमशिला के समानांतर पुल का शिलान्यास 21 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। विक्रमशिला पुल के बगल में महिला आईटीआई के पास शिलान्यास कार्यक्रम निर्धारित है। बीएसएनएल के इंटरनेट कनेक्टिविटी को नुकसान नहीं पहुंचाने को लेकर डीएम ने 21 सितम्बर तक शहरी क्षेत्र में खुदाई से संबंधित सभी कार्यों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

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एजीएम ( ए एण्ड पी) बीएसएनएल ने डीएम को पत्र भेजकर 21 सितम्बर तक उत्खनन गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया है। ताकि बीएसएनएल का ओएफसी केबल को नुकसान नहीं हो और निर्बाध रूप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हो सके। डीएम प्रणव कुमार ने नगर आयुक्त और संबंधित सभी कार्यपालक अभियंता को 21 सितम्बर तक भागलपुर शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत सभी प्रकार के उत्खनन गतिविधियों से संबंधित कार्यों को स्थगित रखने का निर्देश दिया है। कहा गया है कि यदि कार्य की विशेष आवश्यकता है तो विशेष निगरानी से कार्य कराया जाए। बीएसएनएल द्वारा कुछ क्षेत्र की जानकारी दी गयी है। जहां सख्ती से आदेश का पालन करने को कहा गया है। नगर आयुक्त और सदर एसडीओ को इस अवधि में निजी उत्खनन गतिविधियों को पूर्ण प्रतिबंध कराने का निर्देश दिया है। आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।