राज्य सरकार ने 8 फरवरी से छठी से आठवीं तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। कुछ शर्तों के साथ छठी से आठवीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई है। शर्त यह रखी गई है कि अल्टरनेट कर 50 फीसदी छात्र आएंगे। यानी एक दिन में एक वर्ग के 50 फीसदी और दूसरे दिन बाकी 50 फीसदी बच्चे स्कूल आएंगे। लेकिन शिक्षकों को यह छूट नहीं दी गई है। उन्हें प्रतिदिन स्कूल आना होगा। स्कूल आने वाले छात्रों को पहले अपने अभिभावक से लिखित अनुमति लेनी होगी। शुक्रवार को स्कूल खोलने का निर्णय मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिया गया।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बैठक के बाद कहा कि चार जनवरी से कुछ शर्तों के साथ नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खुल चुकेे हैं। कोरोना गाइडलाइन और कुछ शर्तों के साथ अब कक्षा छह से आठ तक के स्कूल भी आठ फरवरी से खुलेंगे। सरकारी स्कूलों के सभी बच्चों को दो-दो मास्क दिए जाएंगे। मास्क पहन कर ही स्कूल आने की अनुमति होगी। स्कूल प्रशासन की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराएं।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना स्कूलों का जिम्मा

पांचवीं तक के स्कूल खोलने पर 8 के बाद होगा फैसला

पहली से पांचवीं तक स्कूल खोलने को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इससे साफ है कि अभी पहली से पांचवीं तक के स्कूल बंद रहेंगे। बैठक में इस पर आठ फरवरी के बाद निर्णय लेने की बात कही गई। 15 फरवरी के बाद इसको लेकर फिर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक होने की उम्मीद है। उस बैठक में पहली से पांचवीं तक के बच्चों के स्कूल खोलने पर विचार होगा।

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