लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। सुरक्षा बलों की गश्ती या नेताओं के जनसंपर्क काफिले पर हमला करने की आशंका व्यक्त की गई है। पूर्व बिहार में नक्सल गतिविधियां बढ़ने के बाद पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिले को अलर्ट कर दिया है। नक्सलियों के संभावित ठिकानों पर ऑपरेशन तेज करने का निर्देश दिया गया है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद झारखंड से नक्सलियों का दस्ता गिरीडीह के रास्ते जमुई के जंगलों में प्रवेश कर गए हैं। वहां से नक्सलियों की अलग-अलग टुकड़ियां आसपास के जिले में कैंप कर रेकी कर रहे हैं। दस्ते में कई महिलाएं भी शामिल हैं। नक्सल गतिविधियां बढ़ने के बाद शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए नक्सल प्रभावित जिलों को तत्काल दो से तीन कंपनियां केन्द्रीय बल मुहैया कराई गई है। अधिकारी का कहना है कि नक्सलियों के छिपने वाले सभी ठिकानों पर ऑपरेशन का निर्देश दिया गया है। पूर्व बिहार में नक्सलियों को एरिया कमांडर सिद्धु कोड़ा, पिंटू राणा और प्रवेश दा नेतृत्व कर रहे हैं। नक्सल गतिविधयों को लेकर खुफिया एजेंसी को भी अलर्ट कर दिया गया है। नक्सल प्रभावित इलाके में शाम चार बजे के बाद नेताओं की सभा और जनसंपर्क पर रोक लगाई गई है।

चुनाव में सीआरपीएफ जवान हुए थे शहीद: वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 11 अप्रैल की अहले सुबह मुंगेर जिले के भीमबांध जंगल के सवालाख बाबा स्थान सड़क पर नक्सलियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट कर सीआरपीएफ जवान के वाहनों को उड़ा दिया था। इस घटना में सीआरपीएफ के दो जवान सोने गोरा और रवीन्द्र कुमार शहीद हो गए थे। इसके पहले भी जमुई, मुंगेर और लखीसराय में सेना के कैंप पर हमला किया गया था।

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ऑपरेशन का निर्देश: सुशील मान सिंह खोपड़े (आईजी ऑपरेशन, पटना) ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाके में ऑपरेशन का निर्देश दिया गया है।