नववर्ष 2021 (New Year 2021) के स्वागत को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. पिकनिक प्रेमियों के द्वारा अभी से ही तैयारियां आरंभ कर दी गयी है. मुख्य रूप से प्रखंड क्षेत्र में करीब आधे दर्जन से ज्यादा पिकनिक स्पॉट हैं. जहां नववर्ष के स्वागत के लिए हजारों की तादाद में पिकनिक प्रेमी के पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर बुजुर्गों के कम संख्या में आने की संभावना है.

प्राकृतिक सौन्दर्य एवं मनोहर वादियों से घिरे मंदार पर्वत पर हर वर्ष कि तरह इस साल भी हजारों सैलानी सपरिवार घुमने व पिकनिक का आनंद लेने पहुचेंगे. प्रखंड क्षेत्र में आधे दर्जन से अधिक रमणीक व पुज्यनीय स्थल है. इसी क्रम में सबसे पहला स्थान मंदार पर्वत का है. जहां प्रखंड ही नहीं आस पास के जिले के अलावा अन्य राज्यों के भी लोग आते हैं.

मंदार पर्वत –
पौराणिक एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मंदार पर्वत अपने धर्म अध्यात्म, अंग बंग कि संस्कृति, ऐतिहासिक एवं मनोहर वादियों के लिए भी जाना जाता है. यहां वैसे तो प्रत्येक माह सैलानियों एवं श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन शीत ऋतु के नवंबर माह के प्रथम सप्ताह से मार्च के प्रथम सप्ताह तक अनवरत सैलानियों का आना लगा रहता है, लेकिन नववर्ष के प्रथम दिन एवं 14 जनवरी खास होता है. इन दिवस पर मंदार पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं सैलानी यहां घुमने एवं पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.

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पापहरणी –
पुराणों के अनुसार मान्यता है कि पापहारिणी सरोवर में डुबकी लगाने से पाप से मुक्ति मिलती है. मंदार पर्वत के तराई स्थित पापहारिणी में मकर संक्राति के मौके पर लाखो श्रद्धालु आस्था कि डुबकी लगाते हैं. साथ ही वर्ष भर पर्व त्योहार के अवसर पर भी श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं. वहीं नववर्ष में भी लोग पापहारिणी सरोवर में स्नान कर नये साल की शुरुआत करते हैं. इन श्रद्धालुओं की मानें तो वर्ष भर में किये गये पापों से स्नान के बाद मुक्ति मिल जाती है.

गुफा व अन्य दार्शनिक स्थल –
मंदार पर्वत पर देखी अनदेखी दर्जनों गुफाए है जो सैलानियों को विशेष आकर्षित करती है. इन गुफाओं के अलावा सीता कुण्ड, शंखकुण्ड, गयाकुण्ड सहित दर्जनों कुण्ड है. पर्वत पर मूर्तियों एवं भग्नावशेषों का टुकड़ा सैलानियों को आकर्षित करता है. इन सबके अलावा प्रखंड क्षेत्र में गुरूधाम, लखदीपा मंदिर, कामधेनु मंदिर, जैन मंदिर, पिपेश्वरनाथ सहित अन्य रमणिक स्थल है.

लक्ष्मीपुर स्थित चांदन डैम –
60 के दशक में बने यह डैम प्राकृतिक सम्पदा एवं मनोहर वादियों का अद्भुत क्षेत्र है. प्रखंड मुख्यालय से 25 किमी दूर चांदन नदी पर स्थित लक्ष्मीपुर डैम अद्भुत जल संग्रह एवं कई रहस्यों को समेटे आज भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. प्रकृति प्रेमी व शांति प्रिय लोग नववर्ष के मौके पर हजारों की संख्या में पिकनिक मनाने यहां आते हैं. डैम के आस पास यहां काफी पिकनिक स्पांट है. जहां सैलानियों को प्रवास के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ती. सिंचाई विभाग के द्वारा यहां पर सौंदर्यीकरण का काफी कार्य मुख्यमंत्री आगमन के पूर्व किया गया था.यह बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

भगवान मधुसूदन मंदिर –
मंदार क्षेत्र के मधुसूदन मंदिर में नववर्ष के मौके पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है. लोग 1 जनवरी की शुरुआत भगवान मधुसूदन की पूजा अर्चना से करते हैं. यू तो भगवान मधुसूदन के दर्शन के लिए वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है. नववर्ष के दिन यहां प्रखंड क्षेत्र के अलावा जिले के भी लोग पहुंचते हैं.

महर्षि मेंही धाम –
बौंसी बाजार से 11 किमी दूर स्थित मनियारपुर में महर्षि मेंही आश्रम में नये साल पर इनके अनुयायियों के अलावा घूमने आये लोगों की भी अच्छी खासी भीड़ रहती है. संतमत के अनुयायी यहां पूजा अर्चना कर साल की शुरूआत करते हैं.

Input: Live Hindustan