भागलपुर : एक तरफ जहां राज्य सरकार सूबे में बड़े उद्योग लगाने की कवायद में जुटी है, वहीं गरीब बुनकरों व उनके बच्चों के भविष्य के लिए भी सरकार प्रयासरत है। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने रविवार को नाथनगर स्थित हस्तकरघा रेशम कॉलेज पहुंचकर उसका निरीक्षण किया।

उन्होंने दस एकड़ में फैले संस्थान के विभिन्न संकायों, नवीन छात्रावास, टेस्टिंग लैब, कैड भवन का निरीक्षण किया। मंत्री को कर्मचारियों ने कॉलेज की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। कर्मियों ने कहा कि 1994 तक यहां बीटेक की पढ़ाई होती थी। बाद में बीटेक की जगह डिप्लोमा की पढ़ाई होने लगी। 2005 में यहां वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई की शुरुआत हुई, लेकिन हाल के दिनों में कर्मियों के अभाव में वह भी बंद हो गया। मंत्री ने कर्मियों की बात को जानकर मीडिया से कहा कि यहां पहले की तरह बीटेक डिग्री की पढ़ाई शुरू कराने के लिए एआईसीटीई को अप्रूवल के लिए लिखा गया है। बहुत जल्द इसपर मुहर लग जायेगी।

62 पद रिक्त, आठ कर्मी कार्यरत

कॉलेज के दिन अब निखरेंगे। डिग्री पढ़ाई की शुरुआत जल्द की जाएगी। 71 कर्मियों की आवश्यकता है, लेकिन कुल आठ कर्मी कार्यरत हैं। 62 पद रिक्त हैं। संबंधित रिक्त पदों को भरने के लिए आर्यभट्ट ज्ञान कॉलेज द्वारा निर्धारित सिलेबस के तहत आवश्यकता अनुसार भरा जाएगा। मंत्री ने खादी बोर्ड के सीईओ अशोक कुमार सिन्हा को अपनी निगरानी में बेहतर कार्ययोजनाओं को तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही संस्थान की सभी कमी को जल्द पूरा करने के लिए जिला उद्योग के अधिकारी से मिलकर काम पूरा कराने का निर्देश दिया।

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बिजली बिल सब्सिडी की मांग

बुनकर संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेजाहत अंसारी व महासचिव असफाक अंसारी ने बुनकरों की बदहाली व बिजली बिल में मिलने वाली सब्सिडी को दोबारा लागू कराने को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसमें बुनकरों के बच्चों को अच्छी तालीम, रोजगार से जोड़ने की बात लिखी थी। मौके पर नागरिक विकास समिति के अध्यक्ष जियाउर रहमान अलीम, अलीम अंसारी, मोंटी जोशी आदि उपस्थित थे।