भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत खरीक प्रखंड के उस्मानपुर-मिरजाफरी के मध्य बिंदु पर कलबलिया धार किनारे निर्मित जिले के इकलौते सूर्य मंदिर में इस बार नये स्वरूप में पहली बार सूर्योपासना होगी। दो तल्ले निर्मित मंदिर में इस बार सूर्यदेव व छठी मैया की विधि-विधान से पूजा होगी। 40 वर्ष पहले ग्रामीणों द्वारा एक तल्ले सूर्य मंदिर का निर्माण कराया गया था। बीते 6 नवंबर को नये मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। गर्भगृह में बने पिंडी को लोग साक्षात सूर्यदेव मानते हैं और मां छठ की पूजा करते थे। अब नये स्वरूप में भगवान सूर्य व छठ की स्थाई प्रतिमा स्थापित की गई है। गांव के लोगों के हवाले ही यह मंदिर चलता है। मंदिर की साफ-सफाई एवं अन्य देखरेख के लिए उस्मानपुर निवासी लखनलाल यादव मंदिर परिसर में ही रहते हैं। ऐसी लोगों की मान्यता है कि सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में सच्चे दिल से दस्तक देने वाले श्रद्धालुओं की हर मुरादें पूरी होती है। छठ पूजा के अवसर पर दंगल, रामधुन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धुनों के बीच छठ माता की आराधना होती है। इसबार कोविड-19 के मद्देनजर कई कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा।

लोक आस्था का महापर्व छठ आज कद्दू भात से शुरू होगा। गुरुवार को खरना एवं शुक्रवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहली तथा शनिवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा। प्रखंडों में घाटों को चमकाया गया है, व्रतियाें ने भी पूरी तैयारी कर ली है। उधर, गंगा स्नान के चलते कई जगह जाम की स्थिति रही।

लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर मंगलवार को सुल्तानगंज में उत्तरवाहिनी गंगा घाटा पर श्रद्धालुओं की दूसरे दिन भी खासी भीड़ रही। अहले सुबह से लेकर पूरे दिन गंगा घाट पर स्नान करने श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। एक अनुमान के मुताबिक करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। इनमें ज्यादातर व्रती महिलाएं थीं। नगर क्षेत्र में भी जाम के चलते वाहन दिनभर रेंगते रहे। पुलिस प्रशासन भी हलकान रहा।

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