बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में करीब 94 हजार शिक्षकों के पद पर नियोजन की अग्रेतर कार्रवाई पर शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। बुधवार को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए राज्य की सभी नियोजन इकाइयों को मेधा सूची निर्माण आदि पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एनआईओएस द्वारा 18 माह का सेवाकालीन डीईएलएड कोर्स करने वाले एवं टीईटी-सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन 14 जुलाई तक लिए जाएंगे लेकिन उसके आगे की प्रक्रिया स्थगित रहेगी।

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दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा करीब 94 हजार शिक्षकों के नियोजन के मामले में 17 दिसम्बर, 2019 को आदेश दिया था कि पहली से पांचवीं कक्षा तक के शिक्षकों की नियुक्ति में दो साल का डीईएलएड कोर्स करने वालों को प्राथमिकता मिलेगी। इस कोटि के अभ्यर्थियों के नहीं मिलने पर शिक्षा स्नातक (बीएड) योग्यताधारियों का चयन किया जाएगा। दोनों की मेधा सूची अलग-अलग बनेगी। यह आदेश मेधा सूची के निर्माण से संबंधित था जिसपर शिक्षा विभाग ने 3 जुलाई को रोक लगा दिया है।


इसके साथ ही इन शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में पटना उच्च न्यायालय का एक आदेश 1 जुलाई को भी आ चुका है। बुधवार को न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि 14 जुलाई तक एनआईओएस से 18 माह का डीईएलएड करने वाले टीईटी-सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन लिये जाएंगे। 14 जुलाई के बाद नियोजन से संबंधित अग्रेतर प्रक्रिया विभाग से निर्देश प्राप्त होने पर ही की जाएगी। उधर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग जल्द ही दोनों मामलों में पटना उच्च न्यायालय में प्रति शपथ पत्र दायर करेगा।