
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बूढ़ी गंडक के प्रभाव वाले समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कोसी के प्रभाव वाले भागलपुर, सहरसा, सुपौल, गंगा के प्रभाव वाले भागलपुर एवं कटिहार, महानंदा के प्रभाव वाले कटिहार, पूर्णिया एवं किशनगंज, परमान व कनकई नदी के किनारे पूर्णिया एवं अररिया, तथा कमला बलान-करेह- बागमती के इलाके वाले जिले मधुबनी, दरभंगा एवं समस्तीपुर का हवाई सर्वेक्षण किया.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कटिहार जिला के केवाला ग्राम से बाघमारा तक बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य का जायजा लिया. लाभा-चौकिया-पहाड़पुर महानंदा दाया तटबंध, झौवा-दिल्ली दिवानगंज-महानंदा बायां तटबंध का भी हवाई सर्वेक्षण किया. भागलपुर जिले के लत्तीपुर-नारायणपुर जमींदारी बांध, इस्माइलपुर बिंद टोली तटबंध, ज्ञानीदास झल्लूदास टोला सुरक्षात्मक कार्य, टपुआ बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य का भी मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्णिया के चूनापुर हवाई अड्डा के कांफ्रेंस हॉल में पूर्णिया प्रमंडल की बाढ़ एवं कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी इस क्षेत्र में नदियों का जलस्तर कम है, लेकिन बाढ़ की संभावना सितंबर माह तक बनी रहेगी. इसके लिये पूरी तैयारी एवं सतर्कता बनाये रखें. उन्होंने कहा कि जिलों में संभावित बाढ़ वाले क्षेत्रें में कोरोना संक्रमण की जांच तेजी से करायें. एयरफोर्स स्टेशन पर कैंप लगाकर सभी की टेस्टिंग कराने के निर्देश दिये.
पूर्णिया के बाद मुख्यमंत्री ने सुपौल के वीरपुर पहुंचकर कोसी नदी के पूर्वी तटबंध का निरीक्षण किया. तटबंध के स्पर संख्या–10 पिपराही, वीरपुर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान बाढ़ से बचाव को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर संबंधित विभागीय अधिकारियों से चर्चा की और कई आवश्यक दिशानिर्देश दिये.
चर्चा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताया गया कि सिल्टेशन के कारण ही बांध और स्पर पर दवाब बढ़ता है, जिस कारण से बाढ़ आती है. सुपौल जिले के 22 किलोमीटर के तटबंध क्षेत्र में कुल 50 स्पर तटबंध की सुरक्षा हेतु निर्माण किये गये हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी स्पर एवं तटबंध का नियमित निरीक्षण की जाये और आवश्यकतानुसार पुनर्स्थापन का कार्य भी किया जाता रहे.