
नेपाल और बिहार के जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा नहीं रूक रही है। लिहाजा नदियों के बढ़ने की गति भी थमने का नाम नहीं ले रही है। रोज कुछ नये क्षेत्र बाढ की चपेट में आ रहे हैं। साथ ही तटबंधों पर पानी बढ़ता जा रहा है। पेट्रोलिंग में लगे जल संसाधन विभाग के इंजीनियर रिसाव बंद करने में ही परेशान हैं। हालांकि कोसी और गंडक में पानी का डिस्चार्ज बहुत कम गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सभी नदियां तेजी से बढ़ रही हैं। अब तक लाल निशान से नीचे बह रही घाघरा और पुनपुन नदी भी लाल निशान को पार कर गई है। पटना के लिए अच्छी खबर है कि गंगा बढ़ने के बाद भी अभी लाल निशान से बहुत नीचे है अन्यथा पुनपुन के बढ़ने के बाद पटना पर खतरा मंडराने लगता है।
जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में लाल निशान से 21 सेमी ऊपर चली गई है। इस नदी का जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। सुकुनदायक है कि इलाहाबाद से मुंगेर तक बढ़ने के बाद भी गंगा का जलस्तर लाल निशान से एक मीटर से ज्यादा नीचे है।
कोसी का डिस्चार्ज गुरुवार को काफी गिर गया है। बराह क्षेत्र में एक लाख घनसेक घटने के बाद डिस्चार्ज मात्र सवा लाख घनसेक रह गया है। बराज पर भी पानी आधा हो गया है। तीन लाख बीस हजार से घटकर यहां डिस्चार्ज 1.72 लाखघन सेक रह गया है। यही हाल गंडक का भी बाल्मीकिनगर बराज पर कल डिस्चार्ज 4.20 हजार था आज वहां मात्र दो लाख घनसेक डिस्चार्ज है।
बागमती रोज नया रिकार्ड बना रही हैं। मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में 3.30 मीटर ऊपर चली गई है। दरभंगा के हायाघाट में 68 सेमी लाल निशान से ऊपर बह रही है। बुढ़ी गंडक रोसरा रेल पुल के पास 1.07 मीटर तो समस्तीपुर रेल पुल के पास 41 सेमी लाल निशान से ऊपर है। कमला बलान भी झंझारपुर में बांध पर दबाव बनाये हुए है। वहां यह नदी लाल निशान से 1.75 मीटर ऊपर है तो जयनगर में 30 सेमी ऊपर है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण में 1.30 मीटर और अधवारा सीतामढ़ी में लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है। खीरोई नदी ने भी दरभंगा में आंखें लाल कर ली है। वहां यह नदी 1.25 मीटर लाल निशान से ऊपर है। महानंदा पूर्णिया में 1.05 सेमी ऊपर है। घाघरा भी सीवचान में अभी लाल निशान का दो सेमी से ही क्रास की है।