बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया है कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अपनी तैयारी बढ़ाने व लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है. वहीं प्रदेश में अब वैक्सीनेशन को लेकर भी तैयारी तेज कर दी गयी है. बिहार में आगामी 10 जनवरी से गंभीर रोगों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में 60 साल से अधिक उम्र के करीब 17 लाख बुजुर्गों को इस श्रेणी के तहत कोरोना बूस्टर डोज दी जानी है. बिहार में इस उम्र श्रेणी के जितने बुजु्र्ग हैं उनमें करीब 30 फीसदी को बूस्टर डोज दी जाएगी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार को अपनी तैयारी की जानकारी भी दी है. मंगलवार को सूबे के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक बैठक भी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के संग वर्चुअल माध्यम से हुई है.

केंद्र के निर्देश के अनुसार, राज्य के हेल्थ व फ्रंटलाइन वर्करों को भी बूस्टर डोज दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, कोरोना वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज ले चुके ऐसे व्यक्ति जिनका नाम कोविन पोर्टल पर अंकित होगा उन्हें ही टीका का बूस्टर डोज दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बूस्टर डोज वैसे ही व्यक्ति को दिया जाएगा जिन्होंने कम से कम 9 महीने या फिर 39 सप्ताह पहले कोविड टीका का दूसरा डोज लिया हो.

बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बुजुर्गों के लिए पहले खास तैयारी की जा रही है. बूस्टर डोज में उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है. बूस्टर डोज किस तरह दिया जाएगा इसे लेकर अभी तैयारी चल रही है. केंद्र द्वारा बूस्टर डोज देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि गंभीर बीमारी वाले बुजुर्गों को चिकित्सकीय प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत नहीं करने पड़ेंगे. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्प्ष्ट किया है कि कोमोरबिडिटी वाले मरीजों को ऐसा कोई डॉक्टरी प्रमाण पत्र नहीं पेश करना होगा. हालांकि तमाम बिंदुओं पर स्थिति जल्द ही स्पष्ट की जाएगी.

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