बिहार के कुछ जिले खतरनाक जलवायु परिवर्तन के लिहाज से हॉट स्पॉट बनते जा रहे हैं. अचानक तेज बरसात, सूखा, लू और दूसरी मौसमी आपदाएं तेजी से बढ़ी हैं. काउंसिल ऑन एनर्जी, इन्वायरमेंट एंड वाटर (सीइइडब्ल्यू) की हालिया रिपोर्ट में इस बात के प्रभावी संकेत दिये गये हैं.

राज्य में ऐसे हॉट स्पॉट के रूप में पटना,अररिया और बांका जैसे जिलों की अब तक पहचान की गयी है. इस जलवायुविक घटनाक्रम का सीधा असर जल की उपलब्धता और जनजीवन की विभिन्न गतिविधियों पर पड़ने वाला है.

दो डिग्री तक बढ़ा तापमान, पटना बन रहा अर्बन हीट आइलैंड

आइएमडी रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार में औसतन 0.6 से दो डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान में इजाफा हुआ है. शहरी क्षेत्रों के तापमान में विशेष इजाफा हुआ है. इसी रिपोर्ट में संकेत दिये गये हैं कि पटना देश के उन शहरों में शुमार है, जो अर्बन हीट आइलैंड बनता जा रहा है.

सबसे बड़ा जलवायुविक बदलाव पश्चिमी चंपारण में

सीइइडब्ल्यू रिपोर्ट के मुताबिक 30 साल में देश के चुनिंदा जिलों में जलवायुविक बदलाव के लिहाज से चार जिले पहचाने गये हैं. इनमें हॉट स्पॉट के रूप में पटना,अररिया, और बांका शामिल हैं. बांका के तापमान पर भी चक्रवात का असर देखा गया.

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इनके अलावा सबसे बड़ा जलवायुविक बदलाव पश्चिमी चंपारण में देखा गया है, जो कभी बाढ़ग्रस्त था, लेकिन अब वहां सूखे का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. अन्य जिलों में इसका विस्तार होने की आशंका है. फिलहाल गंगा का मैदानी इलाका जलवायुविक बदलाव से ज्यादा प्रभावित है.

27 जिले चक्रवाती हवाओं की चपेट में

बिहार के 27 जिले ऐसे हैं, जो चक्रवाती हवाओं या तेज हवाओं की गिरफ्त में हैं. इन जिलों में भी चक्रवाती हवाओं से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में बांका, जहानाबाद, अरवल और नालंदा शामिल हैं. यहां 47 मीटर प्रति सेंकेंड की रफ्तार से हवा चलती है. बिहार का 86% इलाका तेज गति वाली हवा की चपेट में है.