चकबन्दी निदेशालय का अपना वेबसाइट होगा, जिसपर बिहार के हरेक गांव के जमीन मालिकों का नाम और उनके द्वारा धारित जमीन का ब्यौरा उपलब्ध होगा। माउस के एक क्लिक के जरिए कोई भी व्यक्ति यह जान पाएगा कि किसी गांव में एक चक का रकबा कितना है और उसका मालिक कौन है। इससे किसी भी उद्योगपति को जमीन और उसके मालिक की जानकारी मिल जाएगी। चकबन्दी पूरा होने के बाद म्युटेशन सहित राजस्व के सारे काम इसी के जरिए संपादित होंगे और भू-अर्जन में भी आंकड़े जुटाने में सरकार को सहूलियत होगी। चकबन्दी निदेशक ने यह जानकारी दी है।

नया बन जाएगा खतियान

भूमि सर्वेक्षण के तत्काल बाद चकबन्दी शुरू होगी। भूमि सर्वेक्षण का आउटपुट ही चकबन्दी का इनपुट होगा। भूमि सर्वेक्षण के बाद उपलब्ध कराए गए मानचित्र एवं खतियान के आधार पर ही चक काटने का काम होगा। इस प्रकार चकबन्दी के बाद संबंधित मौजों में प्लॉटों की संख्या काफी कम हो जाएगी। खतियान भी नया बन जाएगा।

कैसे होगी चकबन्दी

चकबन्दी का यह काम एक गांव को कई सेक्टर में बांट कर किया जाता है। सेक्टर का निर्धारण जमीन की कीमत एवं उसकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर तय होता है। अब तक अमीन द्वारा जमीन का मूल्यांकन कर चक काटने का काम किया जाता था। यह मूल्यांकन फसल के उत्पादन एवं उसकी कीमत के आधार पर तय की जाती थी। इसमें बहुत तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें आती थीं।

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संशोधित होने हैं कई अधिनियम

आने वाले समय में चकबन्दी निदेशालय द्वारा कई अधिनियमों में संशोधन प्रस्तावित है। चकबन्दी अधिनियम की धारा-15 में संशोधन किया जा रहा है। प्रस्ताव विधि विभाग के पास भेजा गया है। इसके लागू होने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहत्र्ता को चकबन्दी के पश्चात नये बने चकों पर दखल-कब्जा दिलाने के काम में शामिल किया जाएगा।

एक और प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक जो धारा-7 से संबंधित है, गांव में एडवाईजरी कमिटी गठित करने के प्रारूप में संशोधन किया गया है। पहले गांव की एडवाईजरी कमिटी चकबन्दी पदाधिकारी गठित करता था। आने वाले समय में प्रस्तावित संशोधन के बाद पंचायतों के चुने हुए जन प्रतिनिधि अर्थात् मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य ही अपने गांवों के चकबन्दी की एडवाईजरी कमिटी के पदेन सदस्य होंगे। एडवाईजरी कमिटी चकबन्दी में सरकार को जरूरी सलाह देने का काम करती है।

एक जगह जुटे थे चकबन्दी पदाधिकारी

मंगलवार को शास्त्रीनगर स्थित बिहार सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में बिहार के सभी पांच जिलों में काम कर रहे चकबन्दी पदाधिकारी जुटे थे। इस दौरान चकबन्दी में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पारदर्शिता, एकरुपता एवं संपूर्णता सुनिश्चित करने पर विचार किया गया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव-सह-निदेशक, चकबन्दी ने कहा कि इसका उद्देश्य जमीन का बेहतर प्रबंधन, भू-विवादों को कम-से-कम करना और सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह सारा काम न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के जरिए किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि चकबन्दी पूरा होने के बाद उद्योग धंधो को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

Source : Dainik Bhaskar