पांच महीने बाद इस साल का पहला खग्रास चंद्रग्रहण 26 मई बुधवार पूर्णिमा को होगा। इस साल चार ग्रहण लग रहे हैं। जिसमें दो चंद्रग्रहण और दो सूर्यग्रहण है। किंतु भारत में केवल दो चंद्रग्रहण ही अल्प समय के लिए दिखाई देंगे। खग्रास चंद्रग्रहण-वैशाख शुक्ल पूर्णिमा दिन बुधवार 26 मई को है। खग्रास चंद्रग्रहण भारत के आंशिक क्षेत्रों में दिखलाई देगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित द्यानद पाण्डेय ने बताया कि भारतीय समयानुसार खग्रास चंद्रग्रहण का प्रारंभ दिन के 3:14 पर होगा तथा इसका मोक्ष संध्या 6:23 मिनट पर होगा। खंड चंद्रग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 09 मिनट की है। ग्रहण का सूतक प्रातः 6:14 से ही प्रारंभ हो जाएगा। धार्मिक स्थल का पट बंद हो जाएगा। सूतक में पूजा करना निषेध माना गया है।

सूर्यग्रहण में 12 घंटा पहले सूतक लगता है और चंद्रग्रहण में 9 घंटा पहले सूतक लगता है। खंडग्रास चंद्रग्रहण-कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन शुक्रवार 19 नवंबर को लगने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण भारत के पूर्वोत्तर भाग में दिखाई देगा। भारतीय समय अनुसार खंडग्रास चंद्रग्रहण का प्रारंभ दिन के 12:49 से तथा इसका मोक्ष दिन के 4:17 पर होगा। ग्रहण का सूतक रात्रि 3:48 से प्रारंभ हो जाएगा।

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यह भारत के पूर्व भाग और पश्चिम बंगाल में ही दिखाई देगा। इसके अलावा यह कहीं दिखने वाला नहीं है। इस कारण इन चंद्रग्रहण दिखने वाले राज्यों को छोड़कर बाकी जगहों पर सूतक नहीं माना जाएगा। यह स्थिति पृथ्वी की गति में कुछ अंतर आने से बनी है। इसी कारण चारों ग्रहण यहां दिखाई नहीं देंगे। ज्योतिषाचार्य श्रीराम पाठक ने बताया कि कुछ पंचांगों में देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में इन ग्रहण के आंशिक प्रभाव का वर्णन है।

राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा

{मेष राशि वालों को श्री अर्थात धन की प्राप्ति।
{वृष राशि वालों को क्षति होगी।
{मिथुन राशि वालों को चोट लगने का डर।
{कर्क राशि वालों को हानि।
{सिंह राशि वालों को लाभ।
{कन्या राशि वालों को सुख की प्राप्ति।
{तुला राशि वालों को मान सम्मान।
{वृश्चिक राशि वालों को कष्ट।
{धनु राशि वालों को स्त्री कष्ट।
{मकर राशि वालों को कष्ट।
{कुंभ राशि वालों को चिंता और कष्ट।
{मीन राशि वालों को रोग की संभावना है।