नवगछिया के मदन अहिल्या महिला महाविद्यालय परिसर में गुरुवार को कॉलेज के संस्थापक पूर्व मंत्री मदन सिंह व उनकी धर्मपत्नी अहिल्या देवी की प्रतिमा का अनावरण तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ रामाशंकर दुबे ने किया.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ दुबे ने कहा कि समाज में स्त्री पुरुष समता के सोच के साथ मदन सिंह व अहिल्या देवी ने इस कॉलेज की स्थापना की. यह महाविद्यालय उनके सपनों को साकार कर रहा है. उन्होंने पूर्व मंत्री स्व मदन बाबू की तुलना काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय से की.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंडित मालवीय ने विश्व स्तर के विश्वविद्यालय की स्थापना की उसी तरह इस अंचल में मदन बाबू ने मदन अहिल्या महिला महाविद्यालय की स्थापना कर स्त्री शिक्षा की अलख जगायी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को संविधान में बराबरी का दर्जा दिया गया है. लेकिन, अगर देश और राज्य में महिलाओं के साक्षरता दर को देखा जाये, तो अभी भी महिलाओं को समानता नहीं मिली है. उन्होंने साक्षरता दर के आंकड़ों को भी अपने संबोधन में रखा. कुलपति ने कहा कि स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक शिक्षिकाओं को विशेष जिम्मेदारी लेनी होगी.
उन्होंने कहा कि जब शिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तभी आदर्श समाज की स्थापना हो पायी. शिक्षक आत्ममंथन करें, दूसरों की नकल न करें और खुद को एक आदर्श के रूप में स्थापित करें. शिक्षक छात्राओं का सम्यक विकास करें जिससे छात्राओं का आचरण, नैतिकता, मानवीय मूल्य और संवेदना में विकास हो. कुलपति ने प्रतिमा का निर्माण करने के लिए संस्थापक परिवार की प्रशंसा की.
प्रतिकुलपति डॉ अवध किशोर राय ने कहा कि कई जनप्रतिनिधि हुए लेकिन मदन बाबू ने स्त्री शिक्षा के लिए जो काम किया, वह अनूठा है. अतिथियों को महाविद्यालय परिवार की ओर से पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया. समारोह में मानस कोकिला कृष्णा देवी ने मानस पाठ कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.