भागलपुर : भागलपुर-हंसडीहा स्टेट हाइवे को एनएच का दर्जा मिलने व नामकरण के साथ ही इसके कायाकल्प की कवायद शुरू हो गयी है. एनएच विभाग जमीन अधिग्रहण एवं फॉरेस्ट क्लियरेंस सहित बिजली का तार, पोल, केबुल आदि यूटिलिटि शिफ्टिंग की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. वहीं, टेंडर निकालने की तैयारी में भी जुट गया है. भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, दिल्ली से एस्टिमेट स्वीकृत होकर जैसे ही आयेगा, वैसे इसका टेंडर निकाला जायेगा.

टेंडर फाइनल होने पर काम शुरू होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि आचार संहिता के बाद मंत्रालय से एस्टिमेट स्वीकृत होकर आयेगा. हंसडीहा से लेकर अलीगंज, स्थायी बाइपास, जीरोमाइल, विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ होकर एनएच-31 (नवगछिया) तक फोरलेन रोड बनेगा. बाइपास को छोड़ अन्य हिस्से की सड़क पथ निर्माण विभाग के पास थी, जिसे एनएच के लिए पहले सैद्धांतिक मंजूरी मिली, फिर बाद में इसे पूर्ण रूप से एनएच घोषित कर नामकरण किया गया है. इसे एनएच-133इ का नाम दिया गया है.

चौड़ीकरण के साथ नये सिरे से बनेगी सड़क : बाइपास के रास्ते नवगछिया एनएच-31 से हंसडीहा तक फोरलेन का निर्माण होगा. यानी, चौड़ीकरण के साथ यह रोड नये सिरे से बनेगी. इसके निर्माण पर करीब 1121 करोड़ खर्च होंगे. यह सड़क अभी कहीं साढ़े पांच, तो कहीं 10 मीटर चौड़ी है. फोरलेन के लिए चौड़ीकरण होगा.

फॉरेस्ट क्लियरेंस में हो सकती परेशानी : हंसडीहा मार्ग के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं. यह संरक्षित वन प्रक्षेत्र के अधीन है. एनएच रोड की चौड़ीकरण के लिए जगह-जगह पेड़ कटाई करनी होगी. इसके लिए फॉरेस्ट क्लियरिंग लेना होगा. इसमें परेशानी हो सकती है

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