
हरिओ पंचायत के कहारपुर, आहुति व गोविंदपुर कोसी का रौद्र रूप झेल रहा है। गांवों में तीन से चार फीट तक पानी घुस गया है। कहारपुर में सड़क पर दो फीट पानी चल रहा है। इस कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग घरों में मचान बनाकर रह रहे हैं एवं पानी में उतरकर काम करते हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कहारपुर के शिवशक्ति सिंह, देवांशु सिंह, सनातन सिंह, राममिलन सिंह, चित्तरंजन सिंह ने बताया कि रविवार को करीब दो इंच पानी घटा है। लेकिन अभी कोई सरकारी सहयता नहीं मिली है। ग्रामीणों ने कहा कि यहां बड़ी नाव चाहिए। लेकिन छोटी सरकारी नाव मिली थी। नदी की तेज धारा देख नाविक डरकर भाग गया है। इधर, कहारपुर मुखिया चंचला देवी, आहुति की वार्ड सदस्य झखिया देवी व गोविंदपुर के वार्ड सदस्य गुरुदेव ऋषिदेव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गावों में सूखा राशन, प्लास्टिक सहित अन्य सामान की जरूरत है। अभी तक सरकारी राहत नहीं मिला पायी है। इससे लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।
दादपुर में स्लूइस गेट से रिस रहा पानी, खतरे की आशंका
खरीक। दादपुर के पास कोसी नदी के शहजा धार स्थित बने स्लूइस गेट से पानी रिसना शुरू हो गया है। इससे किसी बड़े खतरे की आशंका है। उपमुखिया ई. चंदन यादव ने बताया कि अगर शीघ्र उसे दुरुस्त नहीं किया गया तो गेट टूट जाएगा। इससे कई गांव सहित प्रखंड कार्यालय तक जलमग्न हो सकता है। एनएच-31 पर भी यातायात बाधित हो सकता है। कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण गोपालपुर के पास ढोरिया घाट पिपरपांती, नवटोलिया, विश्वपुरिया और कालूचक के पास तटबंध की स्थिति दयनीय बनी हुई है। संभावित खतरे को देखते हुए लोगों ने पदाधिकारियों से शीघ्र पहल करने की मांग की है।
सिहकुंड व लोकमानपुर गांव जलमग्न
खरीक। कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से सिहकुंड एवं लोकमानपुर में स्थिति भयावह हो गयी है। 13 हजार आबादी वाले दोनों गांव जलमग्न हो गया है। इनमें से 1600 घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। दो दिन पहले चार सौ घरों में पानी प्रवेश किया था। उसके बाद लोग घर में मचान बनाकर या ऊंचे स्थानों पर रह रहे हैं। कई लोग भूखे-प्यासे परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों गांवों के लोगों की समस्या देखने कोई सक्षम पदाधिकारी अब तक नहीं पहुंचा है। मवेशियों के लिए चारे की किल्लत है। वहीं हर समय पानी में रहने से तबीयत खराब होने का भय सताने लगा है।
नाव नहीं होने से घरों में रहने को विवश लोग
सिहकुंड के अलख सिंह, मुन्ना कुमार, पप्पू सिंह ने बताया कि गांव में कहीं कमर भर तो कहीं छाती तक बाढ़ का पानी है। गांव में एक भी नाव नहीं रहने से लोग अपने घरों में ही रहने को विवश हैं। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। गांव में बिजली आपूर्ति नहीं होने से लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं।