खरीक। गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के साथ ही 6.35 किलोमीटर लंबे राघोपुर-काजीकोरैया जमीनदारी तटबंध पर कई जगहों पर खतरा मंडरा रहा है। सोमवार देर रात राघोपुर के ब्रहम बाबा स्थान के पास तटबंध के पास इरोजन (मिट्ठी कटकर नदी में गिरने लगा) शुरू हो गया। जिसे मौजूद अभियंताओं द्वारा ईसी बैग को कैरेट में डालकर नदी में गिराया गया। इसके बाद बांध से मिट्टी गिरना बंद हुआ। वहीं कैम्प कर रहे अभियंताओं ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। कहीं भी खतरा नहीं है। समाजसेवी मिथिलेश क्रांति, अर्जुन साह आदि ग्रामीणों ने बताया कि विभाग के पदाधिकारी अगर मुस्तैद नहीं रहेंगे तो किसी भी समय बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इन लोगों ने बताया कि बांध पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी बहुत जरूरी है। वहीं नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर आ पहुंचा है। हर दो घंटे में आधा सेमी की बढ़ोतरी हो रही है।

महादेवपुर घाट पर मौजूद दर्जनों दुकानों में घुसा पानी

महादेवपुर घाट पर गंगा नदी किनारे करीब दो दर्जन दुकानों के अंदर बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिस कारण दुकानदारों दुकान खाली कर दी है। मिथिलेश क्रांति ने बताया कि इन दुकानदारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने बताया कि तरमीस के पानी से गांव के कई घर पानी से घिर गये हैं।

कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी, गांव में फैल रहा है पानी

कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। जिस कारण लोकमानपुर के बालू टोला, गोढयारी एवं पुरारी जलटोली एवं सिहकुंड में आजाद नगर, जिलेबिया मोड़, सिमरतल्ला, मंदिर टोला में पानी फैल रहा है। मालूम हो कि दोनों गांव में करीब तीन सौ से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। वहीं उमेश कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि जिस रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है उससे प्रतीत होता है कि पूरा गांव ही जलमग्न हो जाएगा। लोगों के साथ-साथ मवेशियों को काफी परेशानी हो रही है।

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