खरीक, कोसी पार भवनपुरा पंचायत के मैरचा सिहकुंड में कोसी नदी के कटाव की रफ्तार तेज हो गयी है। शनिवार शाम हुई मूसलाधार बारिश के दौरान मैरचा में पूर्व से कटाव के मुहाने पर पहुंच चुके करीब एक दर्जन घरों में से पांच घर नदी में समा गये। नदी में समाने वाले घरों में मनोज दास, चलितर दास, गुरुदेव दास, कैलाश दास एवं बुधो दास का घर शामिल है। जबकि अभी भी करीब एक दर्जन घर कटाव के मुहाने पर है।

पंसस प्रतिनिधि संजय कुमार, नीतेश कुमार आदि ने बताया कि मुहाने पर पहुंचा घर किस समय नदी में समा जाएगा, यह कहना मुश्किल है। मालूम हो कि शुक्रवार को यहां आठ लोगों का घर नदी में समा गया था। ग्रामीणों ने बताया कि कटाव की रफ्तार देख कर प्रतीत होता होता है कि पूरे गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। यहां हो रहा फ्लड फाइटिंग का कार्य कटाव की रफ्तार के आगे बेअसर साबित हो रहा है।

लोगों ने बताया कि जब तक तेज गति से काम नहीं चलेगा, तब तक रफ्तार पर अंकुश नहीं लगा पाएगा। भीषण कटाव की जानकारी पर विधायक ई. शैलेन्द्र एवं एसडीओ अखिलेश कुमार मौके पर पहुंचे। जिन्हें देख कर लोगों ने गांव को बचाने की गुहार लगायी। वहीं एसडीओ ने विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए युद्धस्तर पर कटाव निरोधी कार्य करने का निर्देश दिया। ताकि कटाव की रफ्तार पर ब्रेक लगायी जा सके।

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सिहकुंड में छह घर कटाव की भेंट चढ़े

लोकमानपुर पंचायत के पुरानी सिहकुंड में शुक्रवार की देर रात से शनिवार शाम तक छह लोगों के घर कोसी नदी में समा गये। जिसमें विनोद सिंह, कारे सिंह, बुचो सिंह, वंशीधर सिंह, सतीश सिंह एवं पवन सिंह का घर शामिल है। वही कई घरों के अलावा गांव स्थित भगवती स्थान कटाव के मुहाने पर पहुंच गया है। जो किसी भी समय नदी में समा सकता है। पंसस रंगीना देवी ने बताया कि यहां करीब पचास घर हैं। जिस रफ्तार से कटाव हो रहा है उससे एक भी घर इस बार नहीं बचेगा। जवाहर यादव ने बताया कि कटाव के मुहाने पर पहुंच चुके घर के लोग खुद अपने घर को तोड़कर ईंट वगैरह के अलावा महिला एवं बच्चों को सुरक्षित जगह पर भेज रहे हैं। लोग भय बस रतजगा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां हो रहे भीषण कटाव के बावजूद विभाग द्वारा फ्लड फाइटिंग का कार्य नहीं किया जा रहा है। लोगों ने शीघ्र यहां कार्य शुरू करने की मांग की है।