नवगछिया : नेपाली हवलदार जितेंद्र यादव का अपहृत बच्चा मंगलवार को भी बरामद नहीं हो सका. जितेंद्र यादव अपनी पत्नी के साथ मंगलवार को भी नवगछिया के परवत्ता थाना और बरारी थाने का चक्कर लगाते रहे. जितेंद्र यादव ने कहा कि मंगलवार को आरोपी श्रवण मल्लिक ने उसे फोन किया और जान मारने की धमकी देते हुए कहा कि पुलिस हो या मीडिया हो उससे कुछ नहीं होने वाला है. तुम अपनी पत्नी को यहां छोड़ कर चले जाओ नहीं तो परिणाम बुरा होगा.

जितेंद्र यादव ने कहा कि सोमवार तक वे लोग बहत्तरा स्थित श्रवण मल्लिक के घर पर ही रह रहे थे लेकिन मंगलवार से वह नवगछिया में एक किराये के मकान में रह रहा है. जितेंद्र यादव ने कहा कि श्रवण निरंतर अपने परिवारवालों के संपर्क में है लेकिन बरारी और परवत्ता दोनों पुलिस में से कोई भी मदद नहीं कर रही है. लेकिन वे अपने बच्चे को लिए बिना यहां से जाएंगे नहीं. जितेंद्र ने कहा कि वे अपने देश नेपाल सरकार का भी ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं कि वहां से उनके लिये प्रयास किया जाय ताकि वे अपने बीबी बच्चे के साथ सकुशल नेपाल जा सकें.

इधर जितेंद्र यादव की पत्नी कुसुम दास ने कहा कि पिछला सात माह उसके लिये प्रताड़ना से भरा रहा. बड़ी मुश्किल से वह श्रवण के चंगुल से छूट पायी है. अब वह अपने परिवार के साथ जिंदगी गुजरना चाहती है. इधर नवगछिया में जिसने भी दंपत्ति की कहानी को जान उसने दांतों तले उंगली दबा ली. लोगों ने कहा कि आखिर कोई आदमी इस तरह से कैसे अपनी मनमानी कर सकता है. इधर बहत्तरा गांव के कुछ लोग भी इस प्रयास में हैं कि बच्चे की सकुशल बरामदगी हो जाय और हवलदार का पूरा पतिवार अपने देश के लिये रवाना हो जाय. कुछ ग्रामीण आगे भी आ रहे हैं.

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