बाढ़ राेज रिकार्ड ताेड़ रही है। अभी गंगा का जलस्तर सबसे अधिकतम स्तर 34.86 मीटर पर पहुंच गया है। बीते 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है। हालांकि इसके बाद से बुधवार काे गंगा का जलस्तर स्थिर हाे गया है। अब भी गंगा खतरे के निशान से 1.18 मीटर ऊपर बह रही है। हालांकि विभाग के अनुमान के मुताबिक आगे जलस्तर घट सकता है।

लेकिन अगर आगे भी गंगा का जलस्तर एक से डेढ़ फीट तक बढ़ गया ताे करीब पांच बांध टूट सकते हैं। इनमें राघोपुर-काजीकौरैया तटबंध, बिहपुर का लत्तीपुर नरकटिया नन्हकार जमींदारी बांध, गोपालपुर से इस्माइलपुर के बीच बना रिंग बांध, जह्नावी चौक से इस्माइलपुर, जह्नावी चौक से इस्माइलपुर तक के बीच बने दूसरे स्लुईस गेट और गाेपालपुर में डिमहा और अभिया गोसाई गांव को जोड़ने वाले रिंग बांध शामिल हैं।

इन बांधाें का जल संसाधन विभाग की ओर से शुरू से रख-रखाव नहीं किया गया। चूहे अंदर से छेद करके बांधाें काे खाेखला करते रहे। लेकिन उस वक्त विभाग सक्रिय नहीं हुआ। जब बाढ़ की स्थिति बनी ताे उसे बचाने की पहल की गयी है। हालांकि बाढ़ के पानी का दबाव बांध पर अब भी बना हुआ है। अगर जलस्तर आगे भी बढ़ा ताे इन सबके टूटने की आशंका है। इससे इलाके के 40 से अधिक गांव पूरी तरह से जलमग्न हाे जाएंगे और वहां की 45 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हाे सकती है।

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1. खरीक : राघोपुर-काजीकौरैया तटबंध में तीन जगहाें पर बन गया है डेंजर जोन

गंगा तटवर्ती इलाके में स्थित दर्जन भर से अधिक गांवों को बचाने के बने छह किलाेमीटर लंबे राघोपुर-काजीकौरैया तटबंध पर ब्रह्म बाबा स्थान, खैरपुर अाैर काजीकौरैया में डेंजर जोन हैं। वहां जलस्तर डेढ़ फीट बढ़ा ताे तटबंध के ऊपर से पानी बहने लगेगा और पूरे इलाके में भारी तबाही मच जाएगी। हालांकि तटबंध को बचाने के लिए वहां फ्लड फायटिंग की टीम बोरा में बालू भरकर बचाव का काम कर रही है। लेकिन उफनाई गंगा के सामने यह नाकाफी साबित हो रहा है।

2. बिहपुर : लत्तीपुर-नरकटिया जमींदारी बांध पर हाे रहा रिसाव

9 किलोमीटर लंबे लत्तीपुर नरकटिया नन्हकार गंगा जमींदारी बांध पर दबाव बना हुआ है। नरकटिया गांव के पास नदी का पानी ऊपर हो गया है। यहीं पर तीन से चार जगह पर चूहे के बिल से रिसाव शुरू हो गया था। जल संसाधन विभाग के अभियंता कैंप कर रहे हैं। रामनगर के पास भी पानी बांध के समानांतर हो गया है। वहां पर भी बालू भरी बोरी डालकर काम किया गया है। नन्हकार के पास कटिहार-बरौनी रेलखंड पर भी दबाव है।

3. नवगछिया : स्लुईस गेट के पास भी खतरा, हाे रहा है रिसाव

जहाज घाट के पास दूसरे स्लुईस गेट लगातार पानी का रिसाव होने से बांध पर खतरा है। जल संसाधन विभाग की अाेर से इन गेटों को सही तरीके से बंद नहीं किया गया था, जिस कारण पानी का दबाव बढ़ते ही रिसाव शुरू हो गया था, एक गेट को बंद करते ही दूसरे दिन फिर से रिसाव शुरू था। ग्रामीणों ने किसी तरह गेट को बंद किया था। लेकिन अब भी रिसाव जारी है।

4. गोपालपुर : अभिया बांध पर है दबाव, सड़क पर पानी ओवरफ्लाे

गाेपालपुर के डिमहा और अभिया गोसाई गांव को जोड़ने वाले रिंग बांध पर अभिया में बाढ़ के पानी का दबाव ज्यादा है। इस्माइलपुर-गोपालपुर रिंग बांध कटने के बाद बाढ़ के पानी से इस बांध पर ज्यादा दबाव बढ़ गया है। इस कारण अभिया के पास गंगा का पानी सड़क पर ओवरफ्लो कर रहा है। पानी को जल्दी से रोका नहीं गया, तो बांध टूट सकता है। इससे गोपालपुर, रंगरा और नवगछिया प्रखंड जलमग्न हो जाएगा।

5. नवगछिया : जह्नावी चाैक से इस्माइलपुर के बीच बांध कभी भी हाे सकता है ध्वस्त

जह्नावी चौक से इस्माइलपुर के बीच दस किलाेमीटर लंबा बन रहे बांध पर भी बाढ़ के पानी का दबाव बना हुआ है। हालत यह है कि जह्नावी चाैक के पास पहला स्लुईस गेट जो अब तक पूरा नहीं बन पाया है, वहां प्रोटेक्शन बांध दिया गया है। लेकिन जलस्तर इतना ऊपर है कि कभी भी प्रोटेक्शन बांध टूट सकता है। बाढ़ पीड़ित भी छोटी और बड़ी नाव से अपना सामान बांधों के किनारे ला रहे हैं। पानी में नाव के पंखे के कारण पानी किनारों पर घूमने लगता है, इससे भी कटाव का खतरा बना रहता है।