नवगछिया : जहांगीरपुर वैसी गांव में कोसी नदी के कटाव से बचाने के लिये अब उपर वाले का ही सहारा है. मालूम हो कि कटाव को रोकने के लिये चार जुलाई से ही बचाव कार्य शुरू किया गया लेकिन कटाव की रफ्तार बढ़ती गयी और अब यह आवासीय क्षेत्रों में प्रभावी हो गया है. बचाव कार्य अभी भी जारी है लेकिन यह कटाव की रफ्तार पर लगाम लगाने में पूरी तरह से असफल है. लिहाजा ग्रामीणों को अब ऊपरवाले का ही सहारा है. शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कोसी तट पर पहुंच कर जुम्मे की नमाज अता की और करीब एक घंटे तक परवर दीगर से मुसलसल दुआ किया.

पूर्व पंचायत समिति सदस्य मो मंजूर आलम, मो इस्तेखार आलम, नयाज अख्तर, अब्दुल गफ्फार, मौलाना एवार्दूरहमान, इमाम रागिब, मुफ्ती अनवार साहब आदि लोगों ने बताया कि जब चार जुलाई को बचाव कार्य शुरू किया गया तो उनलोगों के घर से कोसी नदी लगभग 200 मीटर दूर थी. चार जुलाई को जब बचाव कार्य शुरू किया गया तो उनलोगों को उम्मीद थी कि कटाव से मुक्ति मिल जाएगी लेकिन ज्यों ज्यों दवा की मर्ज कर बढ़ता गया. दस दिनों के अंदर कोसी नदी का कटाव उन लोगों के घरों के एकदम करीब पहुंच चुका है. कब उनलोगों का आशियाना कोसी में विलीन हो जाएगा, यह कहना मुश्किल है. स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में तीव्रता लाने की मांग की है.

कहते हैं कार्यपालक अभियंता

जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि जहांगीरपुर वैसी गांव में कोसी कटाव की प्रकृति का अध्ययन किया गया है. नई रणनीति से कटाव पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाएगा.

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