नवगछिया : आज अहले सुबह जब लोग झंडारोहण के लिए प्रखंड कार्यालय रंगरा चोक पहुचे तो देख दंग रह गए. बाढ़ का पानी प्रखंड कार्यालय परिसर में बहना शुरू हो गया. वही गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा हैं। सूत्रों के मुताबिक गोपालपुर और इस्माइलपुर के बीच बने रिंग बांध टूटने के कारण इस्माइलपुर, गोपालपुर और रंगरा सहित नवगछिया के कई गांव में बाढ़ का पानी आने की संभावना बढ़ गयी है बाढ़ के पानी आने से प्रखंड व अंचल कार्यलय को शिफ्ट किया जायेगा।

नवगछिया प्रखंड के इस्माइलपुर सैदपुर तटबंध डिमहा गांव के पास रविवार को एक तटबंध ध्वस्त हो गया है. बांध के ध्वस्त होने के साथ ही बड़ी तेजी से इस्माइलपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. रविवार दोपहर करीब 12 बजे एक एक बांध का क्षरण होना शुरू हो गया था. यह देख बड़ी संख्या में आस पास के लोग बांध पर पहुंच गए लेकिन जब तक ग्रामीण कुछ कर पाते तब तक बांध ध्वस्त हो गया.

मालूम हो कि इस्माइलपुर प्रखंड को बचाने के लिये स्थानीय लोगों और जलसंसाधन विभाग का सारा ध्यान इस्माइलपुर जाह्नवी चौक तटबंध पर था और वर्ष 2008 में बने सैदपुर – इस्माइलपुर तटबंध पर ध्यान इसलिए नहीं दिया जा रहा था कि इसकी स्थिति ठीक ठाक थी. कहा जा रहा है चूहों द्वारा बांध में मांद बना दिये जाने के करण एकाएक यह मजबूत तटबंध ध्वस्त हो गया.

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प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा इस्माइलपुर के बाढ़ पीड़ितों को उंचे जगहों पर चले जाने का निर्देश दिया गया है. जबकि अधिकारियों ने हर संभव राहत कार्य चलाने की बात कही है. इधर बांध ध्वस्त होने के बाद नवगछिया शहर को सुरक्षा प्रदान करने वाला गंगा प्रसाद जमीनदारी तटबंध पर भी जल स्तर का दबाव बढ़ जाने की संभवना है.

उच्चतम जल स्तर का रिकॉर्ड तोड़ने से महज 15 सेंटीमीटर दूर

इस्माइलपुर -बिंद टोली में रविवार को दोपहर लिए गए वाटर लेवल रीडिंग में गंगा नदी अपने उच्चतम जल स्तर का रिकॉर्ड तोड़ने से महज 15 सेंटीमीटर दूर है. पिछले आठ घंटे में 10 सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है. जल संसाधन विभाग के कैंप कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को दोपहर गंगा नदी का जलस्तर 33.30 मीटर है. जबकि खतरे का निशान 31.60 मीटर है. यहां पर गंगा का उच्चतम जल स्तर 33.45 मीटर है. नदी के जल स्तर में हो रही लगातार बढ़ोतरी से तटबंधों के ध्वस्त होने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है. जल संसाधन विभाग ने दिन रात 24 घंटे बांधों की निगरानी करने का दावा किया है.