नवगछिया।  कारगिल युद्ध के वीर शहीद हवलदार रतन कुमार सिंह को उनकी शहादत दिवस पर उनके ग्राम तिरासी स्थित स्मारक स्थल पर पुष्प माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर शहीद के परिजनों के साथ-साथ गांव के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। शहीद रतन सिंह के ज्येष्ठ पुत्र रूपेश कुमार सिंह, जो वर्तमान में उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय तिरासी में प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं एवं प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष भी हैं, ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पिता की शहादत हम सबके लिए गर्व का विषय है। उनका बलिदान सदैव प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर विद्यालय परिवार, स्थानीय शिक्षकगण, ग्रामीण जन, युवा वर्ग एवं स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया।

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सभी ने दो मिनट का मौन रखकर वीर शहीद को नमन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति की भावना को जागृत करना और शहीदों के बलिदान को सदैव स्मरण रखना था।

शहीद रतन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1959 को बिहार के भागलपुर जिलांतर्गत तिरासी गांव में हुआ था। वे वर्ष 28 फरवरी 1979 को बिहार रेजिमेंट केन्द्र से बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रथम बिहार में पदस्थापित हुए थे। उन्होंने प्रथम बिहार में सेवा करते हुए सोमालिया में भाग लिया तथा सराहनीय सेवा की। वे सेवा काल के दौरान मुख्यालय 42 पैदल ब्रिगेड तथा 46 बंगाल बटालियन एनसीसी में पदस्थापित रहे। उन्हें अपने सेवा काल के दौरान कई प्रशस्ति पत्र व मेडल भी मिले थे। कारगिल युद्ध के दौरान 2 जुलाई 1999 को बिहार रेजिमेंट के हवलदार रतन कुमार सिंह अपने दस सिपाहियों के साथ बटालिक प्रक्षेत्र में 16470 फीट ऊंचाई पर स्थित जुबार पर्वत श्रृंखला पर युद्ध करते हुए आठ पाकिस्तानी घुसपैठियों व प्रशिक्षित विदेशी घुसपैठियों को मार गिराने के दौरान वीर गति को प्राप्त हो गये। उनके जोश, साहस, हंसमुख स्वभाव और कार्यकुशलता पर पूरा प्रथम बिहार कायल था।