बिहपुर । हरिओ पंचायत के कहारपुर में कोसी का तांडव जारी है। रोज कोसी घरों और खेतों की लील रही है। लोगों के सपने कोसी की तेज धार में बह रहे हैं। प्रशासन पहले ही मुंह मोड़ चुका है और अब कोसी भी असहाय हो चुके इन लोगों की न विनती सुन रही है और न पूजा-पाठ से मान रही है। लोग टूट चुके हैं। अपने आशियाने समेट रहे हैं। तिनके-तिनके जोड़कर जिन घरों को बनाया, वर्षों तक जीवन बिताया, अब उन्ही घरों की ईंट तक उखाड़ कर ले जा रहे हैं। कोसी की विनाशलीला देखते-देखते आंसू सूख चुके हैं। आंखें पथरा गई हैं। कभी अपने को कोसते हैं तो कभी संवेदनहीन प्रशासन को। अब तो कोशिश यही कि बस किसी तरह जान बच जाए। ऊंची जगहों पर शरण मिल जाए। आशा यही है कि कोसी यहां नहीं पहुंचेगी।

और निगल गई 20 फीट जमीन

सोमवार की रात कोसी ने करीब 20 फीट जमीन को निगल लिया और बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है। कहारपुर के वार्ड नंबर चार की कुल आबादी 1500 सौ के करीब है। जिसमें 70 फीसदी लोग कटाव से प्रभावित हो गये है। वहीं कटाव के भय से जिनका घर अभी 150 फीट भी दूर है। वे भी अपने आशियाने को तोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने में जुट गये हैं।

कई परिवारों ने गांव से किया पलायन

वहीं चंदेश्वरी शर्मा, सुखो रविदास, मुखो रविदास, बिहारी रविदास, लखन रविदास, बेचन शर्मा, रवीन शर्मा, नेपाली शर्मा सहित कई परिवार अपने घर को तोड़कर गांव से पलायन कर रहे है। ये लोग सड़क एवं रेलवे किनारे रहने को जा रहे हैं। लोग नाव से सामान को बाहर पहुंचा रहे हैं। वहीं सनातन सिंह ने बताया कि गांव के उस बड़े गड्ढे की ओर बड़ी तेजी से कोसी कटाव कर आगे बढ़ रही है। अगर समय रहते कोसी कटाव को नहीं रोका गया तो एक साथ 50 घर कोसी में विलीन हो जाएगा। गांव में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। अभी हर कोई वहां से सुरक्षित निकलना चाह रहा है। लोगों ने कहा कि हमलोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। न कोई अधिकारी, न कोई जनप्रतिनिधि ही देखने आ रहा है। एक सुखी-संपन्न गांव अपना अस्तित्व बचाने को संघर्ष कर रहा है। लगता है इस बार अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।

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