नवगछिया : गंगा के जलस्तर की कमी के बावजूद अब भी इस्माइलपुर प्रखंड के कई गांव पानी से घिरा हुआ है। इससे लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। दो माह पूर्व बाढ़ के पानी दबाव से इस्माइलपुर-बिंदटोली स्थित तटबंध स्पर 2 और 3 के बीच कट गया था। इस कारण गंगा नदी का पानी कई लोगों के घर में घुस गया था। वहीं कई घर भी कटाव की भेंट चढ़ गए थे। बाढ़ का पानी अभी गांव से पूरी तरह उतरा भी नहीं था कि पिछले सप्ताह हुई मूसलाधार बारिश ने यहां के ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दीं।

हालात यह है कि गांव के छात्र-छात्राओं को कोचिंग या स्कूल जाने के लिए घुटनेभर पानी के बीच गुजरना पड़ रहा है। वहीं कुछ ग्रामीण बाजार और स्कूली छात्र छोटी नाव से आवागमन कर रहे हैं। नारायणपुर डिमाहा दियारा के लोगों ने बताया कि घर से बाहर जाने के लिए पैदल या फिर टीन से बनी नाव का सहारा लेना पड़ता है। परेशानी तो तब अधिक होती है जब किसी की तबीयत खराब हो जाए तो यहां आने के लिए वाहन की सुविधा नहीं है। सोमवार की 9वीं की छात्रा करीना कुमारी, प्रीति कुमारी, रितु और दीपा कुमारी पानी के बीच कोचिंग जा रही थीं। इन छात्राओं ने बताया कि प्रत्येक दिन एक किलोमीटर पानी में चलकर कोचिंग जाते हैं। वहीं नारायणपुर चंडी स्थान के निवासी कुमार अविनाश चंद्र ने बताया कि अपने बच्चे को कोचिंग भेजने के लिए प्रत्येक दिन टीन की नाव का सहारा लेना पड़ता है।


किसानों ने कहा-खेतों में पानी रहने से रबी की बुआई पर भी संशय

प्रखंड के हजारों एकड़ खेतों में भी पानी भरा हुआ है। किसानों ने कहा कि पहले बाढ़ से फसल बर्बाद हो गई। अब खेतों में पानी रहने के कारण रबी की बुआई पर भी संशय है। अगर रबी फसल की बुआई नहीं कर सके तो हमारे सामने भुखमरी की स्थिति आ जाएगी। किसानों ने बताया कि महाजन से कर्ज लेकर हमने खरीफ फसल की खेती की थी। इस बार मक्का की फसल अच्छी लगी थी। उम्मीद था कि अच्छी पैदावार होगी, लेकिन बाढ़ और बारिश ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब महाजन का कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है। किसानों ने कहा कि हर साल हम बाढ़ की त्रासदी झेलते हैं।

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