नवगछिया: गोपालपुर थाना क्षेत्र के मकंदपुर के पास एनएच 31 पर ज्योति ढाबा के समीप शुक्रवार अहले सुबह लाइन होटल संचालक की कार अनियंत्रित होकर डीसीएम (मिनी ट्रक) में घुस जाने से कार पर सवार तीन लोगों की मौत हो गयी। गोपालपुर पुलिस ने जेसीबी मंगाकर ट्रक के अंदर घुसी कार को भीतर से निकाला। क्षतिग्रस्त कार में फंसे तीनों शवों को बाहर निकाला गया। घटना के बाद एनएच 31 पर वाहनों का जाम लग गया। सूचना पर रंगरा, गोपालपुर और नवगछिया पुलिस पहुंची। जहां से तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेजा। मृतकों की पहचान रंगरा थाना क्षेत्र के भवानीपुर निवासी सुभाष यादव के पुत्र चंद्रहास यादव, स्व. पन्ना लाल यादव के पुत्र सनोज यादव और बेगूसराय जिले के सालग्रामी निवासी बासुकी यादव के पुत्र प्रभाकर यादव के रूप में हुई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि तीनों एक साथ मिलकर शिव मंदिर चौक भवानीपुर में लाइन होटल का संचालन करते थे। सुबह 4 बजे के बाद तीनों घर जा रहे थे। इसी दौरान इनकी कार अनियंत्रित होकर डीसीएम में पीछे से अंदर घुस गयी। जिससे गाड़ी के परखचे उड़ गये। घटना में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। कुछ दिन पहले ही तीनों ने मिलकर लाइन होटल का संचालन शुरू किया था। घटना के बाद ट्रक को गोपालपुर पुलिस ने कब्जे में ले लिया। शव का अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। घटना की सूचना पर अस्पताल में इलाके के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
पांच माह पूर्व ही प्रभाकर ने खोला था लाइन होटल
बेगूसराय के सालग्रामी निवासी प्रभाकर यादव ने पांच माह पूर्व शिव मंदिर चौक के पास जय भवानी ढाबा खोला था। ढाबा खोलने के पूर्व वह अपने साढ़ू चंदन यादव के यहां आता-जाता था और उनके सहयोग से ही उसने लाइन होटल खोला था। वहीं सनोज यादव भी वहीं पर राज ढाबा चलाता था। वह रात भर लाइन होटल में काम कर सुबह घर चला जाता था।
रात भर काम कर तीनों जा रहे थे घर
परिजनों ने बताया कि शिव मंदिर चौक के पास चंद्रहास यादव का बासा था और वह अक्सर रात्रि में माल मवेशी की देखरेख के लिए बासा पर ही रहता था। वहीं सनोज और प्रभाकर का लाइन होटल भी रात्रि में ही चलता था। रात भर होटल चलाकर दोनों जब घर जाने लगे तो चन्द्रहास भी साथ हो गया। एक ही गाड़ी पर तीनों सवार थे और तीनों दुर्घटना के शिकार हो गए।
अनुमंडल अस्पताल में दर्जनों महिलाओं की मची थी चीख-पुकार
घटना के बाद तीनों मृतक के परिजनों के अलावा उनके परिवार के दर्जनों महिलाओं की चीख पुकार से अनुमंडल अस्पताल गूंजने लगा था। हर तरफ महिलाएं रो रही थीं। तीनों शवों पर महिलाएं दहाड़ मारकर रोती नजर आ रही थीं। महिलाओं के अलावा पुरुष और लड़के भी रो रहे थे। पूरा अस्पताल शोक में डूबा हुआ था।
दुर्घटना में 12 बच्चे हुए अनाथ, सिर से पिता का साया हटा
सड़क दुर्घटना में तीन-तीन लोगों की मौत से तीनों मृतकों के 12 बच्चे अनाथ हो गए और उनके सिर से पिता का साया हट गया। चंद्रहास की मौत के बाद उसके चार बच्चे सोनाक्षी, सारिका, शामली और युगराज अनाथ हो गये। चंद्रहास की पत्नी अर्चना देवी पति के शव को देखते ही बेहोश हो गयी। परिजनों ने बताया कि दो भाइयों में एक भाई की पहले भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।
सनोज के पांचों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
सनोज की मौत के बाद उसके पांचों बच्चे और उसकी मां का बुरा हाल था। पूरे परिवार पर मानों विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा था। सनोज परिवार में एकमात्र कमानेवाला था। जिस पर पूरे परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी। उसकी मौत ने बूढ़ी मां को झखझोर दिया था। वहीं पत्नी अभिलाषा देवी बार-बार कह रही थी कि हमको छोड़ दो हम भी अपने राजा के साथ जाएंगे। बच्चे अंशु, ऋतु, नीतू, अनिशा, ज्योति और पुत्र हिमांशु अपने पापा के शव पर लिपटकर रो रहे थे। वहीं एक साथ दो शवों के भवानीपुर पहुंचने पर गांव में शोक की लहर दौड़ गयी।
कोट
गोपालपुर थाना के मकंदपुर के पास अहले सुबह एनएच 31 पर टाटा 407 और कार के बीच भीषण टक्कर में तीन लोगों की मौत हुई है। सूचना मिलते ही गोपालपुर थानाध्यक्ष ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेजा। विधि-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं हुई है।
पूरण झा, एसपी, नवगछिया