
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है. इसे शुभ नहीं माना जाता, और इस दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है. हालांकि, इसे आध्यात्मिक रूप से शक्ति प्राप्त करने का अवसर भी माना जाता है.साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे से शाम 6:14 बजे तक रहेगा. हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका धार्मिक प्रभाव सीमित रहेगा. फिर भी, इस दिन ध्यान, मंत्र जाप और सत्कर्म करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण बरमूडा, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा का पूर्वी हिस्सा, उत्तरी रूस, स्पेन, सूरीनाम, स्वीडन, मोरक्को, ग्रीनलैंड, बारबाडोस, डेनमार्क, लिथुआनिया, हॉलैंड, पुर्तगाल, पोलैंड, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में देखा जा सकेगा.
पूजा-पाठ और धार्मिक नियम
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. हालांकि, ग्रहण के समय भगवान का ध्यान, मंत्र जाप और पूजा-पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है.