नवगछिया : धनतेरस मंगलवार को है। इस दिन त्रिपुष्कर, इंद्र व वैधृति योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ कई मुहूर्त में धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना की जाएगी। खरीदारी के लिए गोधूति मुहूर्त व निशिता मुहूर्त अच्छा है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि 29 अक्टूबर को धनतेरस है। इस दिन त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। यह योग सुबह 6.31 बजे से 10.31 बजे तक है। इसी दिन सुबह 7.48 बजे तक इंद्र योग है।

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इसके बाद वैधृति योग बन रहा है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शाम 6.34 बजे तक है फिर हस्त नक्षत्र लग जाएगा। उन्होंने बताया कि धनतेरस कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 29 अक्टूबर को सुबह 10: 31 बजे से यह तिथि शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे समाप्त होगी। मंगलवार को प्रदोष काल 5:38 बजे से लेकर 8:13 बजे तक है। इस दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं।

धनतेरस के दिन वृषभ काल शाम 6:31 बजे से 8:27 बजे तक है। इस समय में मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से जातक के जीवन में धन की कमी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि धनतेरस के दिन कई शुभ मुहूर्त भी हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4: 48 बजे से 5:40 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11: 39 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 1:56 बजे से 2:40 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 5:38 बजे से 6:04 बजे तक है। इस मुहूर्त में लोग जमीन, सोना-चांदी, बर्तन, हीरा आदि खरीदना लाभप्रद होगा। उन्होंने बताया कि धनतेरस पर माता लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से जीवन में धन की कभी कमी नहीं होती है और सुख और समृद्धि भी बढ़ती है।