मंगलवार को देवोत्थान एकादशी के साथ भगवान विष्णु जग जायेंगे. इसके साथ ही चार माह से बंद पड़े मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे. तुलसी विवाह का भी आयोजन ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद पाण्डेय  ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठान प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं,
इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है.भगवान विष्णु के शयनकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है. देवोत्थान पूजन के साथ ही तिलक, विवाह, गोद भराई, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक आयोजन 12 नवंबर को शुरू हो जायेगा. उदया तिथि के कारण देवोत्थान एकादशी आज जगन्नाथ मंदिर के पंडित समीर मिश्रा ने बताया कि एकादशी तिथि का आरंभ 11 नवंबर को दोपहर 2:40 में होगा, जो 12 नवंबर को दोपहर 12:26 तक रहेगा. 12 नवंबर को उदया तिथि के कारण देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जायेगा.

पारण 13 नवंबर को सुबह 6 बजे के बाद किया जायेगा. लेटेस्ट लुक में दिखने को तैयार हैं दूल्हा-दुल्हन लगन के मद्देनजर दूल्हा व दुल्हन के लिए बाजार मैं लेटेस्ट लुक का परिधान उतारा गया है. चांदी व गोल्डन कलर में शेरवानी व दुल्हन के लिए ब्राइडल, पीला, सुनहरा, रानी कलर समेत रंग-बिरंगे लहंगे का क्रेज है. बरतन बाजार, श्रृंगार प्रसाधन के सामान की भी खूब बिक्री हो रही है. दुल्हन गारमेंट्स कारोबारी मनोज संथालिया ने बताया कि लहंगा साड़ी का क्रेज है, जो चार से 60 हजार रुपये तक बिक रहे हैं. पीला, सुनहरा, रानी, हरा व लाल रंग का लहंगा अधिक पसंद आ रहा है. वहीं साड़ी कारोबारी अरुण चोखानी ने बताया कि सिंथेटिक में वर्क साड़ी की ओर महिलाओं का रुझान है. इस बार महिलाओं को ओरगेंजा, जिमी चू, डोला सिल्क पैटर्न की साड़ियां अधिक पसंद आ रही है. थोक कपड़ा कारोबारी कृष्णा गाेयल ने बताया कि लगन को लेकर ग्राहकों की भीड़ बढ़ गयी है. पहले से 50 फीसदी कारोबार बढ़ गया है. सर्राफा कारोबारी विशाल आनंद ने बताया कि लगन को लेकर अधिकतर लोग अब भी नौ जेवर के सेट की डिमांड कर रहे हैं. सोना-चांदी की कीमत में उछाल के बाद हल्के वजन में गले का नेकलेस, ईयर रिंग, कंगन, टीका, नथ, मंगल सूत्र, चैन, पायल व बिछिया खरीद रहे हैं, जो कि देखने में वजनदार लग रहा है, लेकिन वास्तव में हल्के वजन का होता है. यह 80 हजार से अनलिमिटेड दाम में उपलब्ध है.

बनारसी व मिथिला पंचाग के अनुसार विवाह के शुभ मुहूर्त बनारसी पंचांग के अनुसार नवंबर में नौ दिन व मिथिला पंचांग के अनुसार चार दिन विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. वहीं, दिसंबर में बनारसी पंचांग के अनुसार नौ दिन व मिथिला पंचांग के अनुसार छह दिन शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त है. इसके बाद अगले वर्ष 2025 में मकर संक्रांति के बाद शादी-ब्याह का लग्न आरंभ हो जायेगा. मिथिला पंचांग के अनुसार विवाह का शुभ मुहूर्त मिथिला पंचांग के अनुसार इस साल 2024-2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त इस प्रकार है. नवंबर में 18, 22, 25 और 27 तारीख को है. दिसंबर महीने में 1, 2, 5, 6, 11 . इसके बाद वर्ष 2025 के जनवरी में 16, 19, 20, 23, 24, 29, 30 .फरवरी में 2, 3, 6, 7, 16, 19, 20, 21, 24, 26 . मार्च में 2, 3, 6, 7 . अप्रैल माह में 16, 18, 20, 21, 23, 25, 30 . मई माह में 1, 7, 8, 9, 11, 18, 19, 22, 23, 25, 28 . जून माह में 1, 2, 4, 6 . विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. विवाह के शुभ मुहूर्त मिथिला पंचांग के अनुसार नवंबर: 18, 22, 25, 27 नवंबर दिसंबर: 1, 2, 5, 6, 11 दिसंबर

बनारसी पंचांग के अनुसार नवंबर:

16,17,22,23,24,25,26,28,29 दिसंबर: 2,3,4,5,9,10,11,14,15 — 16 दिसंबर से थम जाएगी शहनाई 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक धनु के सूर्य खरमास में विवाह बंद रहेंगे. 15 से 16 जनवरी तक विवाह कार्य निषेध हो जायेगा. 16 जनवरी से विवाह कार्य शुरू हो जायेगा.