युवक के पिता का है कहना : उसके पुत्र की हत्या कर शव को टांग दिया गया और खुदकुशी बता रहे हैं हैदराबाद स्थित दोस्त व पुलिस

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,, पिता ने कहा : उसके मृत पुत्र के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान जिससे प्रतीत होता है कि उसकी हत्या कर शव को पंखे से टांग दिया गया है

,, हैदराबाद के इंफोसिस कंपनी में काम करता था रौशन

मृतक का फाइल फोटो और शोक संतप्त परिजन

नवगछिया : नवगछिया पुलिस जिले के बिहपुर थाना क्षेत्र के गौरीपुर निवासी महेशचंद्र चौधरी के इंजीनियर पुत्र व तेलंगाना के हैदराबाद की इनफोसिस कंपनी में कार्यरत रौशन कुमार चौधरी 23 की हत्या कर दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. युवक के पिता महेश चंद्र चौधरी का कहना है कि उसके पुत्र की हत्या कर शव को पंखे से टांग दिया गया था. मृत्यु के 12 घंटे बाद उसके दोस्तों ने संदेहास्पद स्थिति में उन्हें सूचना दी कि रौशन अब इस दुनियां में नहीं रहा है. युवक के पिता ने कहा कि उसका पुत्र तो अब इस दुनियां में नहीं रहा लेकिन वे न्याय की उम्मीद लगाये बैठे हैं. लेकिन हैदराबाद स्थित रौशन और वहां की पुलिस कह रही है कि रौशन ने आत्महत्या कर ली है जबकि रौशन के पूरे शरीर पर जख्म के निशान 06 naugachia mritak roushan ka file photo aur shok santapt parijanहैं. उसके हाथ पर भी रस्सी से बांधे जाने के निशान है. जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि उसकी हत्या कर मामले को आत्महत्या का रुप देने के लिए पंखे से टांग दिया गया है. इस मामले में प्राथमिकी अपार्टमेंट के गार्ड ने दर्ज करायी है. जिसमें उसने कहा है कि उसने देखा कि रौशन का शव पंखे से झूल रहा था.

पिता ने बतायी पूरी कहानी

 रौशन के पिता महेशचंद्र चौधरी ने कहा कि वे लोग काफी समय से कोलकाता में ही रहते हैं. इसलिए रौशन की शुरुआती पढ़ाई कोलकाता में ही हुई. कोलकाता से बीटेक करने के बाद रौशन ने इफोशिस कंपनी में मैसूर जा कर ट्रेनिंग लिया था. फिर उसकी पोस्टिंग हैदराबाद में की गयी थी. हैदराबाद में जिस फ्लैट में रौशन रहता था उस फ्लैट में कुल छ: लड़के रहते थे. रौशन के रूम पार्टनर का नाम हर्षल है. महेशचंद्र ने कहा कि 27 जून की रात को कोलकाता से ही उनकी बात रौशन से हुई. बात चीत सामान्य थी. रौशन खुश भी था. 28 जून को जब रौशन को सुबह से संपर्क किया तो वह फोन नहीं उठा रहा था. एक बार तो फोन काट भी दिया गया. फिर वे लगातार फोन करते रहे. रात में आठ बज कर पचास मिनट पर फोन रौशन के एक मित्र ने उठाया और जब उससे रौशन के बारे में पूछा गया तो उसने अपने दोस्तों से पूछा कि क्या रौशन के पिता को बता देना चाहिए तो दोस्तों ने जवाब दिया हां तो रौशन के एक दोस्त ने कहा कि ही इज नो मोर. रौशन के पिता ने कहा कि 29 जून की सुबह को वे फ्लाइट से हैदराबाद के लिए रवाना हुए और उसने अपने पुत्र के शव को गांधी अस्पताल में देखा. पोस्टमार्टम के बाद उन्हें शव दे दिया गया.

मृतक रौशन के पिता का कहना हैकि उसके दोस्तों और साथ रहने वाले हर्षल, पार्थ और अतुल पर उनको शक है. क्योंकि इन लोगों ने 14 घंटे के बाद संदेहास्पद स्थिति में उन्हें पुत्र के मृत्यु की सूचना दी और हैदराबाद में बात चीत के क्रम में ये लोग उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाये. महेशचंद्र चौधरी का कहना है कि रौशन मानसिक दबाव में आ ही नहीं सकता है वह काफी मजबूत इरादों वाला लड़का था. महेशचंद्र चौधरी ने कहा कि रौशन को न्याय दिलाने के लिए वे हैदराबाद जा कर पुलिस पदाधिकारियों से मिलेंगे. उन्होंने बिहार सरकार को भी मामले की जानकारी लिखित रुप से दे कर जांच कराने की मांग की है.

शोक में डूबा परिवार

रौशन की मौत के बाद उसका पूरा परिवार शौक में डूब गया है. रौशन की मां नीला चौधरी पुत्र शोक के सदमे से उबर नहीं पा रही है. रौशन की मौत के बाद उसकी मां बीमार रहने लगी है. रौशन क ा बड़ा भाई राहुल का कहना है कि रौशन मजबूत इरादों वाला लड़का था. वह आत्महत्या कर नहीं सकता है. अगर व किसी प्रकार के मानसिक दबाव में होता तो जरूर बताता. रौशन उससे किसी तरह की बात को छुपाता नहीं था. रौशन का अंतिम संस्कार गौरीपुर में ही किया गया. रौशन के मौत पर आस पास के लोग भी शोक संतप्त हैं.