तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) बिहार में राजनीति की पाठशाला रही है। यहां के छात्रों ने न सिर्फ विधायक और सांसद, बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े पदों को भी सुशोभित किया है। ऐसे लोगों की एक लंबी फेहरिश्त है। टीएमबीयू ने बिहार को चार मुख्यमंत्री दिया है।

भोला पासवान शास्त्री तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। वह भी अपने समय में टीएमबीयू के छात्र रह चुके थे। वहीं जगन्नाथ मिश्रा टीएनबी कॉलेज के छात्र थे। यहां पश्चिमी ब्लॉक में रहते थे। वह भी मुख्यमंत्री बने। भागवत झा आजाद और चन्द्रशेखर सिंह भी टीएमबीयू के छात्र थे। दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

दो छात्र बने विधानसभा अध्यक्ष
टीएमबीयू से जुड़े सदानंद सिंह विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं। वहीं शिवचन्द्र झा भी ग्रामीण अर्थशास्त्र के छात्र थे। टीएनबी कॉलेज के शिक्षक डॉ. योगेन्द्र ने बताया कि भागवत झा आजाद जब मुख्यमंत्री थे, उसी समय शिवचन्द्र झा विधानसभा अध्यक्ष थे।

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अनुग्रह नारायण सिंह थे शिक्षक
अनुग्रह नारायण सिंह भी टीएमबीयू से जुड़े हुए थे। वह यहां शिक्षक थे। वहीं प्रभु नारायण सिंह भी यहां के चर्चित नेताओं में थे। मंत्री ललन सिंह भी टीएमबीयू के छात्र रहे हैं। वहीं प्रो. रामजी सिंह यहां से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा ललित नारायण मिश्र, दारोगा राय व रामेश्वर ठाकुर टीएमबीयू के छात्र रहे हैं।

यहां के कॉलेज छात्रों को टैलेंटेड बनाकर भेजता था
कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने बताया कि ये सभी नेता टीएनबी या मारवाड़ी कॉलेज के छात्र रहे हैं। दोनों कॉलेजों की गिनती बिहार के सबसे अच्छे कॉलेजों में होती थी। इन कॉलेजों में पढ़ने के लिए बिहार के दूसरे जिलों से भी आते थे। यहां उन्हीं छात्रों का नामांकन हो पाता था, जो टैलेंटेड होते थे। कॉलेज में पढ़ने के बाद ये और टैलेंटेड बन जाते थे और जिस क्षेत्र में जाते थे, उसी में नाम रोशन करते थे। इसलिए ये छात्र या तो बड़े अधिकारी और शिक्षक बने या फिर राजनीति में आए। बाद में उनकी सक्रियता राजनीति में इतनी बढ़ी कि राष्ट्रीय फलक पर दिखने लगे।